हर साल हजारों भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश जाते हैं. UNESCO 2017 की हालिया रिपोर्ट की मानें तो विदेश में पढ़ाई की इच्छा रखने वाले ज्यादातर भारतीय छात्रों की पहली पसंद अमेरिका है.
अमेरिका में पढ़ाई करना चाहते हैं तो जानें ये बातें
इस सूची में ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर और ब्रिटेन अपने सख्त वीजा नियमों के चलते पिछले साल के मुकाबले 4 फीसदी खिसक कर तीसरे पायदान पर आ गया है.
यूनेस्को 2017 की रिपोर्ट के अनुसार विदेश में पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका इस साल भी पहली पसंद बना हुआ है. ऑस्ट्रेलिया दूसरे, जबकि ब्रिटेन तीसरे पायदान पर है.
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साल 2016 में उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों में 48 फीसदी अमेरिका जाने वाले थे, जबकि 11 फीसदी छात्रों ने ऑस्ट्रेलिया को चुना और सिर्फ 8 फीसदी छात्र ब्रिटेन गए.
ब्रिटेन के भारतीय उच्चायुक्त वाईके सिन्हा के अनुसार पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाने वाले छात्रों की संख्या में आई कमी के पीछे सख्त वीजा नियम प्रमुख वजहों में है.
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साल 2010 में जहां ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 40,000 थी, वहीं आज यह संख्या घटकर मात्र 19,000 रह गई है. जबकि अमेरिका में अगर देखें तो साल 2010 के 1,04,000 भारतीय छात्रों के मुकाबले आज भारत के 1,66,000 छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं. अमेरिका में जहां भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ रही है, वहीं बिट्रेन में घट रही है.
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वहीं ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. साल 2016 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (UTS) में सबसे ज्यादा 1210 भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया.