उत्तर प्रदेश का हरदोई जिला प्रशासन भले ही जनपद में चल रही बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने का दावा जोर शोर से कर रहा हो, मगर जनपद में चल रही नकल और इसके नाम पर वसूली चर्चा में है. जिले में परीक्षा केंद्रों पर अधिकारियों को नकल कराए जाने के नाम से छात्र-छात्राओं से जमकर वसूली की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, जनपद के कई परीक्षा केंद्रों को पहले ही जिला प्रशासन की ओर से संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशीलता की सूची में शामिल करके उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल लगा दिया गया, क्योंकि अगर यह परीक्षा केंद्र संवेदन एवं अति संवेदनशीलता की सूची में शामिल थे तो उन्हें परीक्षा केंद्र बनाया ही क्यों बनाया गया.
परीक्षा केंद्र बन रहे परेशानी का सबब
वैसे तो ऐसे स्थानों पर भी परीक्षा केंद्र बना दिए गए हैं, जहां परीक्षार्थियों को वाहन सुविधा की समस्या से जूझना पड़ रहा है. हालांकि ऐसी ही अनेकों समस्याओं का खुलासा न करने की शर्त पर छात्रों को यह सुविधा मुहैया करई गई. शायद इसी कारण जनपद के अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर जहां न केवल खुलेआम नकल कराई जा रही है, बल्कि नकल के नाम पर अवैध वसूली भी की जा रही है.
यही कारण है कि प्रशासन के खौफ से बेखौफ होकर नकल माफिया शासन के आदेश को हवा में उड़ा रहे हैं. इतना ही नहीं, जिला नकल के लिए मुफीद होने के लिए जाना जाता है, इसलिए गैर जिलों के साथ गैर प्रांतों के छात्र-छात्राएं भी यहां परीक्षाएं दे रहे हैं.