UP Board से संबद्ध स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की किताब में अब goods and service tax (GST) का पाठ भी शामिल किया जाएगा. यह व्यवस्था 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए की गई है. नया करिकुलम इसी सत्र से जारी कर दिया जाएगा. HT रिपोर्ट के अनुसार GST को एक अलग टॉपिक के तौर पर 10वीं के सोशल साइंस के सेलेबस में शामिल किया जाएगा.
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इंटरमीडिएट स्टूडेंट्स के लिए भी...
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में इंटरमीडिएट के सेलेबस में भी जीएसटी को शामिल किया जा सकता है. इंटरमीडिएट में इसे trade organisations and taxes के तहत पढ़ाया जा सकता है. हालांकि इस प्रस्ताव पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है. इस पर फैसला लेने के लिए 3 जुलाई से कई बैठकें भी ली जा चुकी हैं.
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अगर इस प्रस्ताव पर सहमती बनती है तो क्लास 12वीं के कॉमर्स स्टूडेंट्स को GST को एक अलग टॉपिक के तौर पर पढ़ना पड़ सकता है.
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और क्या हो सकता है...
उत्तर प्रदेश की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के छात्रों को अब Goods and Services Tax (GST) के बारे में पढ़ाया जाएगा ताकि जीएसटी प्रशिक्षित पेशेवरों के एक कार्यबल को तैयार किया जा सके. पाठ्यक्रम में जीएसटी को शामिल करना नए कर व्यवस्था को समझने में छात्रों की मदद के लिए जरूरी कदम बताया जा रहा है. जीएसटी को कॉमर्स और मैनेजमेंट पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाने का फैसला वाइस चांसलर ने लखनऊ में हो रहे एक प्रेस वार्ता में लिया.