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UP : प्राइमरी स्कूलों के एग्‍जाम पैटर्न में बदलाव

उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग ने परीक्षा व मूल्यांकन को गुणवत्तापूर्ण बनाने को क्‍लास एक से 8वीं तक लागू परीक्षा व मूल्यांकन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है.

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उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग ने परीक्षा व मूल्यांकन को गुणवत्तापूर्ण बनाने को क्‍लास एक से 8वीं तक लागू परीक्षा व मूल्यांकन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है.

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सतत व व्यापक मूल्यांकन की नीति के तहत अब सालभर में चार परीक्षाएं होंगी. सालाना और छमाही परीक्षा में सभी छात्रों को छपे पर्चे व कापियां मिलेंगे. 8वीं व 5वीं क्‍लास की सालाना परीक्षा का केंद्रीय मूल्यांकन होगा.

शासन की ओर से सचिव एच.एल. गुप्ता की ओर से जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा की लागू प्रणाली से स्‍टूडेंट्स के नॉलेज का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है.

बदली हुई व्यवस्था में कई स्तरों पर मूल्यांकन होगा और पूरे प्रदेश के परिषदीय, मान्यता प्राप्त व सहायता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में परीक्षा की समान प्रक्रिया होगी तथा एक जैसे सवाल रहेंगे.

एग्‍जाम प्रोसेस:
पहली सत्रीय परीक्षा : अगस्त में
दूसरी सत्रीय परीक्षा : दिसंबर में
छमाही परीक्षा : अक्टूबर में
सालाना परीक्षा : मार्च में

क्‍लास 1 में : सभी परीक्षाएं मौखिक
क्‍लास 2 अौर 3 में: लिखित (50 अंक) और मौखिक (50 अंक)
क्‍लास 4 और 5: लिखित (70 अंक) और मौखिक (30 अंक)
क्‍लास 6 और 8 : सभी लिखित परीक्षाएं

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विशेष: सभी परीक्षाएं स्कूल स्तर पर, कुल 100 अंकों में होंगी.

मूल्यांकन प्रक्रिया:
मूल्यांकन की नई प्रक्रिया के तहत 5वीं व 8वीं की सालाना परीक्षा का मूल्यांकन केंद्रीय स्तर पर व शेष का स्कूल स्तर पर होगा. 5वीं का केंद्रीय मूल्यांकन दूसरे स्कूलों के शिक्षक न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर और 8वीं का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर होगा. कापियां अभिभावकों को भी दिखानी होंगी.

इनपुट: IANS

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