संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा के परीक्षार्थी सीसैट को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. नए साल के पहले दिन भी प्रदर्शन पर बैठे उम्मीदवार लंबे समय से कई मांगों को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं. छात्रों की मांग की है कि उन्हें सिविल सर्विस परीक्षा 2019, 2020, 2021 में एक्स्ट्रा अटेंप्ट दिए जाएं. छात्र यह मांग सीसैट पैटर्न लागू होने की वजह से कर रहे हैं.
छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती प्रदर्शन करने से रोका. साथ ही आरोप है कि इस दौरान महिला उम्मीदवार भी प्रदर्शन कर रही थीं, लेकिन इस वक्त कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थीं. साथ ही कई छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने रात दो बजे उनके साथ मारपीट भी की.
Delhi: UPSC aspirants stage protest in Mukherjee Nagar demanding compensatory attempts in UPSC Civil Services Exam 2019, 2020, 2021 for those who suffered due to the Civil Services Aptitude Test (CSAT) exam pattern pic.twitter.com/igtC65dtXd
— ANI (@ANI) January 1, 2019
बता दें कि इससे पहले पिछले बुधवार को भी कई यूपीएससी उम्मीदवारों ने दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पर विरोध किया था. इस दौरान भी उन्होंने साल 2011 में लागू हुए सीसैट से सामने आई दिक्कतों की बात कही थी. वहीं यह मामला अब लोकसभा तक भी पहुंच गया है.
UPSC Civil Services: उम्र सीमा में बदलाव नहीं, ये है सरकार का फैसला
दरअसल बीजू जनता दल (बीजेडी) के भतृहरि महताब ने यूपीएससी की परीक्षा में सीसैट की व्यवस्था से प्रभावित अभ्यर्थियों को लेकर कहा कि सरकार को इन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2011 से 2014 के बीच यूपीएससी परीक्षा में सीसैट रहने की वजह से हिंदीभाषी और दूसरे स्थानीय भाषाओं से जुड़े अभ्यर्थियों को नुकसान का सामना करना पड़ा.