सिविल सर्विस एग्जाम क्रैक करने वाले 1236 कैंडिडेट्स की लिस्ट में एक नाम हरूदया कुमार दास का भी शामिल है. एक गरीब और किसान परिवार में जन्मे 28 साल के दास का जीवन भी काफी मुश्किलों भरा रहा, बावजूद इसके उन्होंने सफलता की नई ईबारत लिखी.
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के रहने वाले दास दो बार सिविल सर्विस का एग्जाम दे चुके हैं और तीसरे एग्जाम में उन्हें सफलता मिली है.
पढ़ाई के लिए पिता ने बेच दी खेती की जमीन
दास के बारे में खास बात यह है कि उन्होंने इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़ाई नहीं. यही वजह थी कि उनके पिता को दास की पढ़ाई के लिए 1.5 एकड़ की खेती योग्य जमीन बेचनी पड़ी. जिससे दास की आगे की पढ़ाई जारी रह सके. दास के पिता के पास अपने परिवार का गुजारा चलाने के लिए सिर्फ खेती ही एक साधन था.
पिता का सपना किया पूरा
बारहवीं में दास के सेकेंड क्लास आने पर दास को समझ में नहीं आ रहा था कि उसको आगे कि पढ़ाई करनी चाहिए या क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहिए. आपको बता दें कि दास कालाहांड़ी कप इंटर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट टूर्नामेंट में खेल चुके हैं. लेकिन पिता का सपना कुछ और ही था. पिता के कहने पर दास ने आगे की पढ़ाई जारी रखी और उत्कल यूनिवर्सिटी से एमसीए किया. उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
सफलता का श्रेय परिवार को
पिछले महीने दास को सीआरपीएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट नियुक्त किया गया था. दास का मानना है कि अगर आप मेहनत से कोई काम करते हैं तो उसका फल आपको जरूर मिलता है. उन्होंने कहा कि परिवार की सपोर्ट के बिना मेरा आईएएस बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था.