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हम भूल गए भारत की बहुलता की समृद्धि : वर्गीज

भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी मतों का एक साथ शांतिपूर्ण अस्तित्व कायम है, लेकिन बहुलता की इस समृद्धि को हमारे लोगों ने भुला दिया है. मशहूर पत्रकार एवं लेखक बी. जी. वर्गीज ने यह कहा है.

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B G Verghese
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भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी मतों का एक साथ शांतिपूर्ण अस्तित्व कायम है, लेकिन बहुलता की इस समृद्धि को हमारे लोगों ने भुला दिया है. मशहूर पत्रकार एवं लेखक बी. जी. वर्गीज ने यह कहा है.

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जानेमाने बुद्धिजीवी वर्गीज इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बुधवार को अपनी नई पुस्तक 'पोस्ट हैस्ट : क्यून्टिसेन्शल इंडिया' के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि 'इतिहास की जबरन किलेबंदी' ने नई पीढ़ी को हमारे समृद्ध और जोशपूर्ण भूत के प्रति उदासीनता पैदा कर दी है.

वर्गीज ने कहा, 'स्कूलों में आर्यभट्ट के इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता है. आर्यभट्ट भारत के महान गणितज्ञ थे. लेकिन दक्षिण भारत और उत्तर पूर्व क्षेत्र के बारे में हमारी पाठ्य पुस्तकों में कोई जानकारी नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि हमारी युवा पीढ़ी बहुत सी चीजों के प्रति उदासीन हो गई है और भूत काल की समृद्धि को हल्के में लेना शुरू कर दिया है और हमारी बहुलता की विविधता को भुला बैठे हैं.'

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सूचना सलाहकार रह चुके वर्गीज ने नई पीढ़ी तक संदेश पहुंचाने के लिए डाक टिकटों के जरिए भारत के इतिहास की जानकारी देने का प्रयास किया है. इस मिनी इन्साइक्लोपीडिया में उन्होंने देश के इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक विविधता के अंशों को समेटा है.

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रेमन मैगसेसे सम्मान से नवाजे जा चुके वर्गीज को इंदिरा गांधी द्वारा 1975-77 में लागू किए गए आपातकाल और प्रेस पर पाबंदी का विरोध करने के लिए द हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक पद से हटा दिया गया था. वे 'वैरियर ऑफ द फोर्थ एस्टेट' और अपनी आत्मकथा 'फर्स्ट ड्राफ्ट : विटनेस टू मेकिंग ऑफ माडर्न इंडिया' किताब लिख चुके हैं.

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