राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने कहा है कि दीक्षान्त समारोह के दौरान पुराने समय से चली आ रही गाउन और टोपी पहनने की पद्धति गुलामी का प्रतीक है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए.
सिंह कल अजमेर के महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आगामी नवम्बर माह में वे राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का सम्मेलन बुलाकर ड्रेस कोड के संबंध में निर्णय लेंगे और पुरानी पद्धति को समाप्त करेंगे.
उन्होंने समारोह में 279 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं 561 को शोध उपाधि प्रदान की. कुलाधिपति ने महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की ओर से सिन्धु और पृथ्वीराज चौहान शोधपीठ पुन प्रारम्भ करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि विश्वविद्यालय शोध पर ध्यान दे रहा है. राज्यपाल ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि उठो, जागो और आकाश को छू लो. आज विश्वभर में भारतीय युवा प्रतिभा का प्रभाव और प्रसार है. विज्ञान, तकनीकी, आईटी और प्रबन्धन के क्षेत्र में पूरी दुनिया भारत के युवाओं की प्रतिभा व कौशल का लोहा मान रही है. उन्होंने इस बात पर दुख प्रकट किया कि आजकल अक्सर देखा जाता है कि बच्चे और युवा बहुत जल्दी ही प्रतिकूल स्थितियों में अवसादग्रस्त हो जाते हैं. इसीलिए आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच रखना बहुत जरूरी है.
इनपुट: भाषा