scorecardresearch
 

पैरों से लिखकर बोर्ड परीक्षा देगी अनारकली

अगर इंसान में किसी काम को पूरा करने का जज्‍बा हो तो कोई भी काम ऐसा नहीं जिसे हर रुकावट को दूर कर पूरा नहीं किया जा सके. ऐसा ही उदाहरण है पश्चिम बंगाल की रहने वाली अनारकली. जो अपने पैरों से लिखकर बोर्ड परीक्षाओं में हिस्‍सा लेने जा रही है.

Advertisement
X
wheelchair
wheelchair

Advertisement

मशहूर कहावत हैं जहां चाह है, वहां राह है. इसे पश्चिम बंगाल की रहने वाली अनारकली खातून ने सच कर दिखाया है.

अनारकली के बचपन से ही दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन अपनी इस कमजोरी के आगे घुटने टेकने के बजाय उन्‍होंने अपनी कमी को ताकत बना पैरों से लिखना सीखा. यहीं नहीं वो इस बार बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने जा रही है. अपने भविष्य के सपने के बारे में बात करते हुए अनारकली कहती हैं कि मैं टीचर बनना चाहती हूं, मैं लोगों की प्रेरणा बनाना चाहती हूं.

अनारकली को परिवार से भी हमेशा पूरा सहयोग मिला. उनके पिता किसान है, परिवार की माली हालत भी बहुत अच्‍छी नहीं है. इन सबके बावजूद उनके परिवार ने पढ़ाई को लेकर कभी भी अनारकली को नहीं रोका. उन्‍हें पैरों से लिखने का हुनर सिखाने में मां ने खासी मदद की है.

Advertisement
Advertisement