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करियर के लिए ये हैं टॉप 10 MBA स्‍ट्रीम

मास्‍टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट यानी कि एमबीए 2 साल का कोर्स है जिसमें स्‍टूडेंट्स को मैनेजमेंट के सभी विषयों में निपुण बनाए जाने के साथ किसी एक सब्‍जेक्‍ट का एक्‍सपर्ट बनाया जाता है.

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मास्‍टर ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट यानी कि एमबीए 2 साल का कोर्स है जिसमें स्‍टूडेंट्स को मैनेजमेंट के सभी विषयों में निपुण बनाए जाने के साथ किसी एक सब्‍जेक्‍ट का एक्‍सपर्ट बनाया जाता है. एमबीए के पहले साल में स्‍टूडेंट्स का परिचय मैनेजमेंट से जुड़े तमाम सब्‍जेक्‍ट्स से कराया जाता है. इसके बाद स्‍पेशलाइज्‍ड सब्‍जेक्‍ट्स की भी जानकारी दी जाती हे.

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एमबीए के दूसरे साल में स्‍टूडेंटृस को अपनी पसंद के किसी एक स्‍पेशलाइज्‍ड सब्‍जेक्‍ट को चुनना होता है. यह उन स्‍टूडेंट्स पर लागू नहीं होता है जिन्‍होंने स्‍पेशलाइज्‍ड कोर्स (सेक्‍टोरल एमबीए) में एडमिशन लिया है. स्‍टूडेंटृस के लिए स्‍पेशलाइज्‍ड कोर्स चुनना एक कठिन प्रक्रिया है. स्‍पेशलाइजेशन चुनने से पहले स्‍टूडेंट्स को अपने करियर गोल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट का खास ध्‍यान रखना चाहिए.

यहां पर हम आपको एमबीए की टॉप 10 स्‍ट्रीम्‍स के बारे में बता रहे हैं:

(1) फाइनांस: एमबीए इन फाइनांस एमबीए स्‍पेशलाइजेशन का सबसे पुराना सब्‍जेक्‍ट है. इस कोर्स के दौरान आपको कॉस्टिंग, बजटिंग, इंटरेनशल फाइनांस और कैपिटल मैनेजमेंट जैसे सब्‍जेक्‍ट्स की तैयारी करवाई जाती है. इन सब्‍जेक्‍ट्स की पढ़ाई करने के बाद आप फाइनांशियल मैनेजमेंट में स्‍पेशलाइज्‍ड बन जाते हैं, जिससे आपको किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के फाइनांस डिपार्टमेंट में जॉब मिल सकती है. अगर आप फाइनांस में एमबीए करना चाहते हैं तो आपको किसी भी स्‍ट्रीम में ग्रेजुएट होना चाहिए.

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(2) मार्केटिंग: एमबीए मार्केटिंग डायनेमिक और काफी कंपेटिटिव है. एमबीए मार्केटिंग में स्‍टूडेंट्स को कंज्‍यूमर बिहेवियर, मार्केट, एडवरटाइजिंग और इस फील्‍ड से संबंधित अन्‍य बारीकियों को समझने में मदद मिलती है. इस फील्‍ड में उन लोगों को करियर बनाना चाहिए जिनकी कम्‍यूनिकेशन स्किल्‍स बेहतरीन हों, मौजूदा रिसोर्स का सही तरीके से इस्‍तेमाल करने की कला आती हो और मार्केटिंग में टिके रहना का जज्‍बा हो.

(3) ह्यूमन रिसोर्स (HR): एचआर में एमबीए उन लोगों के लिए है जो एचआर और स्‍ट्रेटजी में करियर बनाना चाहते हैं. अच्‍छी कम्‍यूनिकेशन स्किल्‍स, आकर्षक पर्सनैलिटी और आत्‍मविश्‍वासी वाले लोगों के लिए एचआर में एमबीए एक अच्‍छा करियर ऑप्‍शन है. किसी भी स्‍ट्रीम में ग्रेजुएट एचआर में एमबीए कर सकते हैं.

(4) इंटरनेशनल बिजनेस: मास्‍टर ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस में इंटरनेशनल ऑपरेशन जैसे इंटरनेशनल मार्केटिंग और फाइनांस की गहराई से जानकारी दी जाती है. एमबीए की इस डिग्री में मल्‍टीनेशनल कोऑपरेशन पर ज्‍यादा फोकस किया जाता है. इस कोर्स में एडमिशन के लिए किसी भी स्‍ट्रीम से ग्रेजुएट होना जरूरी है.

(5) ऑपरेशंस: ऑपरेशंस में एमबीए प्रोडक्‍शन मैनेजमेंट या शॉप फ्लोर मैनेजमेंट में मददगार होता है. इस कोर्स के जरिए आप प्रोसेस फ्लो को मेंटेन करना के अलावा वेंडर और इंटर-डिपार्टमेंटल रिलेशंस को बनाए रखने का गुण सीखते हैं. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के ज्‍यादातर स्‍टूडेंट्स ऑपरेशंस में एमबीए करते हैं क्‍योंकि प्रोडक्‍ट डेवलपमेंट, डिजाइनिंग और प्रोसेस ऑप्‍टिमाइजेशन की जानकारी होने की वजह से उन्‍हें इस फील्‍ड में ढलने में ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं होती है. हालांकि किसी भी स्‍ट्रीम के उम्‍मीदवार इस कोर्स के लिए एप्‍लाई कर सकते हैं.

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(6) इंफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी (IT): आईटी में एमबीए ऐसे प्रोफेशनल्‍स को तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है जो इंफॉर्मेशन और कम्‍यूनिकेशन टेक्‍नोलॉजी से संबंधित प्‍लानिंग, डिजाइन, सलेक्‍शन, इम्प्लिमेन्टेशन और एडमिनिस्ट्रिेशन को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकें. बिजनेस टीम में आईटी ग्रेजुएट्स एक महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. खासकर सॉफ्टवेयर सॉल्‍यूशंस की डिजाइनिंग और इम्प्लिमेन्टेशन में. किसी भी स्‍ट्रीम के उम्‍मीदवार आईटी में एमबीए कर सकते हैं.

(7) सप्‍लाई चेन मैनेजमेंट: इस कोर्स के तहत इंवेंट्री मैनेजमेंट, वेयरहाउसिंग और क्‍लाइंट्स या किसी कंपनी द्वारा मांगे गए तमाम तरह के मटीरियल के ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी दी जाती है. सप्‍लाई चेन मैनेजमेंट में किसी भी स्‍ट्रीम के ग्रेजुट्स एमबीए कर सकते हैं.

(8) रूरल मैनेजमेंट: एमबीए इन रूरल मैनेनजमेंट एक अनोखा प्रोग्राम है जिसे रूरल बिजनेस मार्केटिंग के फील्‍ड में स्किल्‍ड मैनेजर्स की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए बनाया गया है. रूरल मार्केट में विकास की संभावनाएं बहुत ज्‍यादा हैं और कॉर्पोरेट घरानों को इस बात का अच्‍छी तरह एहसास है. किसी भी स्‍ट्रीम के उम्‍मीदवार इस कोर्स के लिए एप्‍लाई कर सकते हैं.

(9) एग्री बिजनेस मैनेजमेंट: इस कोर्स में स्‍टूडेंट्स उन कंपनियों को मैनेज करने का गुर सीखते हैं जो कंज्‍यूमर तक एग्रीकल्‍चरल प्रोडक्‍ट्स को पहुंचाने का काम करती हैं. एग्रीबिजनेस सेक्‍टर की विशेष जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए स्‍टूडेंट्स को मैनेजमेंट, मार्केटिंग और फाइनांस की अच्‍छी समझ होनी चाहिए. किसी भी स्‍ट्रीम में ग्रेजुएट एग्री बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए कर सकते हैं.

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(10) हेल्‍थ केयर मैनेजमेंट: हालांकि हेल्‍थकेयर में एमबीए कोर बिजनेस स्किल्‍स और प्रैक्टिस को कवर करता है, लेकिन इसमें उन विशेष मुद्दों पर भी फोकस किया जाता है जिनसे बतौर हॉस्पिटल एडमिनिस्‍ट्रेटर, मेडिकल प्रैक्टिस मैनेजर, इंश्‍योरेंस-कंपनी एग्‍जीक्‍यूटिव या इसी तरह की कोई दूसरी भूमिका निभा रहे मैनेजर को दो-चार होना पड़ सकता है. कोई भी ग्रेजुएट हेल्‍थ केयर मैनेजमेंट में एमबीए कर सकते हैं.

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