अगर आप किसी का भविष्य संवारना चाहते हैं तो पैसे और गिफ्ट्स ना देकर उसे पढ़ने का एक मौका दें. फिर देखिए कैसे खुद-ब-खुद उसका भविष्य रंग लाता है.
आपने आस -पास हजारों बच्चे ऐसे देखे होंगे जिनकी उम्र तो पढ़ने की है लेकिन किसी न किसी वजह से वह पढ़ नहीं रहे हैं. आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जो बच्चों की एजुकेशन के लेकर खास चितिंत है. पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में सक्रिय दिल्ली यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नईम भी ऐसे ही शख्स जो कई मौको पर बच्चों को पढ़ाने की पहल करते हैं.
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पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को फिर से पढ़ाना
देश का भविष्य और भी उज्जवल हो सकता है जब आने वाली जनरेशन पढ़ी- लिखी हो. इसलिए नईम ने एक ऐसी पहल की जिसकी वजह से पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को अब रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) स्कूलों में पहुंचाएगी.
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30 से ज्यादा बच्चों को पढ़ने का फिर मिला मौका
नईम की पहल से पहले RWA अपने-अपने इलाकों में कुछ गिने-चुने बच्चों या जानकारी में आने वाले बच्चों को पढ़ाती थी,अब इलाके में सक्रिय करीब 30 से अधिक RWA ने 1 हजार स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से पढ़ाने का निर्णय लिया है.
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अब पढ़ेगी पुरानी दिल्ली
आपको बतादें पुरानी दिल्ली एक इलाके हैं जहां ज्यादातर लोग पढ़े- लिखे नहीं है. जिस वजह से लोग सहीं जीवन व्यतीत करने के तरीके से पिछड़ रहे है. लेकिन एक व्यक्ति की पहल से ज्यादा ना सही पर कुछ लोगों के जीवन में जरूर सुधार आएगा. आपको बतादें मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में RWA ने 300 से 400 ऐसे बच्चों का फिर से स्कूलों में एडमिशन करवाया.