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बिना प्रैक्टिकल बन गए इंजीनियर!

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित पॉलीटेक्निक कॉलेज में बिना प्रैक्टिकल के ही छात्रों के इंजीनियर बनने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि सात साल पहले जिले में स्थापित एकमात्र पॉलीटेक्निक कॉलेज आज भी अव्यवस्थाओं के बीच चल रहा है.

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Symbolic Image
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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित पॉलीटेक्निक कॉलेज में बिना प्रैक्टिकल के ही छात्रों के इंजीनियर बनने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि सात साल पहले जिले में स्थापित एकमात्र पॉलीटेक्निक कॉलेज आज भी अव्यवस्थाओं के बीच चल रहा है.

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पिछले पांच वर्षो में कवर्धा पॉलीटेक्निक कॉलेज में तीन से अधिक छात्रों को इंजीनियरिंग का डिप्लोमा प्रदान किया गया है. यह बड़े आश्चर्य की बात है कि बिना प्रैक्टिकल के ही तीन सौ छात्रों की इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो गई.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए एक छोटे से हॉल के बीच में पॉलीथीन का परदा लगाकर दो कक्षाओं का संचालन किए जाने की भी खबर है. प्रैक्टिल सामानों के बारे में बताया गया है कि सामान कॉलेज में आया जरूर है, लेकिन उसे खोला तक नहीं गया है. इस संबंध में बताया जाता है कि छात्रों को प्रैक्टिकल कराने के लिए पर्याप्त जगह का अभाव है. छात्रों को मशीन को दूर से दिखाकर ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की जा रही है.

कवर्धा पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एस.के. सिंह ने कहा, 'मशीन चलाकर नहीं दिखाया जाता है, क्योंकि यहां मशीन चलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. प्रैक्टिकल के लिए क्लास रूम नहीं है. मशीनें हैं, जिन्हें दिखाकर ही छात्रों को समझाया जाता है.'

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वर्ष 2010 से 2014 तक पॉलीटेक्निक की पांच सत्रों की पढ़ाई हो चुकी है. मगर प्रैक्टिकल की पढ़ाई किसी भी छात्र ने नहीं की. यहां के प्रभारी प्राचार्य का कहना है कि कॉलेज भवन के लिए लालपुर में जमीन तय की गई है, मगर प्रशासकीय स्वीकृति अभी नहीं मिल पाई है.

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