बाल विवाह करने से मना करने वाली जोधपुर की लक्ष्मी की कहानी अब सीबीएसई के कोर्स में पढ़ाई जाएगी. 16 साल की उम्र में लक्ष्मी ने बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई लड़के एक मिसाल कायम की. लक्ष्मी के इसी जज्बे को सलाम करते हुए सीबीएसई ने उनकी कहानी को किताब में शामिल करने का फैसला किया है.
लक्ष्मी जोधपुर के लूनी गांव की रहने वाली है. लक्ष्मी एक साल की भी नहीं थी कि उसका विवाह अपने से तीन साल बड़े सतलाना गांव के राकेश के साथ कर दिया गया. लेकिन बीस साल बाद लक्ष्मी ने एनजीओ की मदद से अपने बाल विवाह को कानूनी रूप से अमान्य घोषित करवाया. एक उदाहरण के तौर लक्ष्मी की केस स्टडी को ग्यारहवीं और बारहवीं क्लास की ह्यूमन राइटस एंड जेंडर स्टडीज में इसी ऐकडेमिक सेशन से शामिल किया है.
सोलह साल की उम्र में जब लक्ष्मी को बाल विवाह जैसी कुरीति के बारे में पता चला तो उसे काफी दुख कि उसका भी विवाह बचपन में कर दिया गया था. तब से लक्ष्मी ने खुद को अविवाहित समझना शुरू कर दिया.
लक्ष्मी ने हिम्मत नहीं हारी और एक दिन उसने सारथी ट्रस्ट की एनजीओ की साइकॉलजिस्ट कीर्ति भारती से संपर्क किया और बाल विवाह से जुड़ी जरूरी कानूनी चीजें पता कीं. इसी बीच लक्ष्मी को पता चला कि अक्षय तृतीया को मौके पर उसका गौना होने वाला है. गौना एक रसम है जिसमें दुल्हन को हमेशा के लिए ससुराल जाना होता है. लक्ष्मी ने कीर्ति को बताया कि वो इस शादी से खुश नहीं थी. उसने अपने मां बाप को इस बारे में बताया था, लेकिन वो कतई सहमत नहीं हुए.
एनजीओ की साइकॉलजिस्ट कीर्ति बताती हैं, 'मैंने काउंसलिंग और कानूनी प्रकिया से गौने को रुकवाने की सोची, लेकिन लक्ष्मी इससे सहमत नहीं थी.' आखिर में लक्ष्मी ने जजों और वकीलों से संपर्क और हमें चाइल्ड मैरिज ऐनल्मन्ट के प्रोविजन के बारे में पता चला. काफी कोशिशों के बाद राकेश और लक्ष्मी ने 24 अप्रैल 2012 में एक ऐफिडेविट साइन किया जिसमें दोनों की शादी को कानूनी रूप से रद्द किया गया.
एनजीओ की साइकॉलजिस्ट कीर्ति का कहना है कि यह अपने तरह का पहला उदाहरण है जिसमें बचपन में हुई शादी के कपल्स ने अपनी शादी को रद्द करवाया हो. कानूनी सफलता के बाद मुझे पता चला कि इस केस ने हिस्ट्री क्रिएट की है. कीर्ति ने राकेश समेत दोनों परिवार की काउसलिंग की और उन्हें लाइफ में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
लक्ष्मी की केस स्टडी में ग्यारहवीं क्लास के चेप्टर-2 के जेंडर रिलेडिट इशु के पेज नंबर 207 में लिया गया है. आज लक्ष्मी असल जिंदगी में बेहद खुश है और उसने जनवरी 2013 में अपनी पसंद से महेंद्र सरगारा से शादी की है.