ब्रह्मांड का आकार अंडाकार है. ब्रह्मांड से पहले कुछ भी नहीं था. कहा जाता है कि करीब 13 अरब साल पहले ब्रह्मांड अस्तित्व में आया. पौराणिक मान्यता के अनुसार ब्रह्मांड में अचानक कोई धमाका हुआ और सृष्टि की रचना हो गई. विज्ञान मे भी ब्रह्मांड को लेकर कई थ्योरीज हैं. आइए जानते हैं ब्रह्मांड से जुड़े कुछ रोचक तत्व:
(1) द्रव्य और ऊर्जा के सम्मिलित रूप को ब्रह्मांड कहते हैं.
(2) ब्रह्मांड के बारे में सबसे विश्वसनीय थ्योरी है बिग बैंग थ्योरी. बिग बैंग थ्योरी के मुताबिक शून्य के आकार का ब्रह्मांड बहुत ही गरम था. इसकी वजह से इसमें
विस्फोट हुआ और वो असंख्य कणों में फैल गया. तब से लेकर अब तक वो लगातार फैल ही रहा है.
(3) ब्रह्मांड के इन टुकड़ों के बाद से अंतरिक्ष और आकाशगंगा अस्तित्व में आए. इस रचना में ही हाइड्रोजन, हीलियम जैसे अणुओं का निर्माण हुआ.
(4) जैसे-जैसे ब्रह्मांड का आकार बढ़ता गया वैसे-वैसे तापमान और घनत्व कम हुआ जिसकी वजह से गुरुत्वाकर्षण बल, विद्युतचुम्बकीय बल और अन्य बलों का उत्सर्जन हुआ. इसके बाद सौरमंडल बना.
(5) ब्रह्मांड का विस्तार लगातार होता रहता है जिससे तारों और ग्रहों के बनने की प्रक्रिया भी लगातार चलती रहती है.
(6) सितारे, तारे और उपग्रह सभी एक दूसरे को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
(7) ब्रह्मांड कई गुणा जल, बादल, अग्नि, वायु, आकाश और अंधकार से घिरा हुआ है.
(8) ब्रह्मांड में अब तक 19 अरब आकाशगंगाएं होने का अनुमान है. सभी आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर हटती जा रही हैं.
(9) 19 अरब आकाशगंगाओं में से हमारी आकाशगंगा है- मिल्की वे आकाशगंगा. मिल्की वे आकाशगंगा में हमारी पृथ्वी और सूर्य हैं.
(10) मिल्की वे में लगभग 100 अरब तारे हैं. हर तारे की चमक, दूरी और गति अलग-अलग है. आकाशगंगा ब्रह्मांड की परिक्रमा करती रहती है.
(11) ऑरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है.
(12) आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाशवर्ष है.
(13) तारों के बीच की दूरियां प्रकाशवर्ष में मापी जाती हैं.
(14) आकाशगंगा का प्रवाह उत्तर से दक्षिण की ओर है.
(15) सूर्य इस ब्रह्मांड का चक्कर लगभग 26,000 वर्षों में पूरा करता है जबकि अपनी धूरी पर सूर्य एक महीने मे एक चक्कर लगाता है.