देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, सोने के उद्योग की वृद्धि और रोजगार बढ़ाने के लिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के साथ ‘भारतीय गोल्ड पॉलिसी सेंटर’ स्थापित करने संबंधी समझौता किया है. भारतीय स्वर्ण नीति केन्द्र में सोने के उद्योग पर रिसर्च की जाएंगी.
यह स्वर्ण नीति केन्द्र भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के परिसर में ही स्थित होगा. डब्ल्यूजीसी के वित्तीय अनुदान से इस केन्द्र का वित्तपोषण होगा और यह केन्द्र स्वतंत्र रूप से काम करेगा. केन्द्र अगले महीने से काम करना शुरू कर देगा.
डब्ल्यूजीसी ने कहा कि इस प्रकार का केन्द्र स्थापित करने का मकसद इस बारे में गहराई से विचार करना होगा कि देश में उपलब्ध स्वर्ण भंडार का उपयोग किस प्रकार वृद्धि की रफ्तार तेज करने, रोजगार सृजन, सामाजिक समावेश और देश की आर्थिक संपत्ति को बढ़ाने के लिये किया जा सकता है.
भारतीय प्रबंधन संस्थान के साथ डब्ल्यूजीसी के समझौते पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने बताया कि भारतीयों के घरों में करीब 22,000 टन स्वर्ण आभूषणों अथवा निवेश के रूप में पड़ा हुआ है.
देश के इस विशाल भंडार को प्रयोग में लाने के लिए विश्वसनीय आंकड़े और अनुसंधान की आवश्यकता है, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था में सोने के महत्व को समझा जा सके.
आईआईएम-ए के निदेशक आशीष नंदा ने कहा, ‘केन्द्र में दुनिया और भारत में सोने के उद्योग की वृद्धि और विकास का अध्ययन किया जाएगा. इस पहल का समर्थन करने के लिये मैं डब्ल्यूजीसी को धन्यवाद देता हूं.’