भारत में वैसे तो योग की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही है. योगगुरु पतंजलि द्वारा योग पर किया गया काम अतुलनीय है लेकिन आधुनिक युग में योग को फिर से मुख्यधारा में लाने वाली शख्सियतों में तिरुमलाई कृष्णामाचार्य का नाम अगली कतार में आता है. वीकेएस अयंगर जैसे योग गुरु उनके शिष्य थे. उन्होंने योग को घर-घर पहुंचाने का काम किया. वे साल 1888 में 18 नवंबर के रोज ही जन्मे थे.
1. उन्होंने लोगों का ध्यान योग की तरफ खींचा. अपनी सिद्धियों के जरिए नाड़ी रोककर, हाथों से कार खींचकर और दातों से भारी वस्तुओं को उठाकर दिखाया.
2. उन्होंने योगमकरंद, योगासानगलु, योगरहस्य और योगवाली सहित कई निबंध भी लिखे. सीधे तौर पर देखें तो इसे योग का दस्तावेजीकरण कहा जा सकता है.
3. महान योगी योगेश्वर राम मोहन ब्रम्हाचारी से मिलने और योग सीखने के लिए उन्होंने नंगे पैर कैलाश पर्वत तक की यात्रा की.
4. उनके जाने-माने शिष्यों में टीकेवी देसीकचर, इंदिरा देवी, बीकेएस अयंगर, के पट्टाभि जोइस, एजी मोहन और श्रीवास्तव रामास्वामी को शुमार किया जा सकता है.