पांच साल केंद्र में राज करने के बाद एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए की सरकार बनने जा रही है. इस बार भी 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह नरेंद्र मोदी का जलवा देशभर में देखने को मिला. लेकिन आंध्रप्रदेश में मोदी लहर के बाद भी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) अपना खाता भी नहीं खोल सकी.
देश के कई हिस्सों में बीजेपी ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रही है, लेकिन दो राज्य ऐसे हैं जहां पर मोदी लहर का असर नहीं हुआ. ओडिशा और आंध्र प्रदेश. इन दोनों राज्यों में जीत का परचम लहराने वाले जगन मोहन रेड्डी, नवीन पटनायक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है.
आंध्र प्रदेश की 175 सीटों वाली विधानसभा में अकेले वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पास 146 सीटों, तेलगू देशम पार्टी के पास 28 सीटें और जनसेना पार्टी के पास 1 सीट आई. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस इस सीट पर अपना खाता भी खोलने में सफल नहीं हो सकीं.
आंध्र प्रदेश में लोकसभा की सभी 25 सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस सूपड़ा साफ करने की स्थिति में है. चुनाव आयोग के ताजा आंकड़े के अनुसार, वाईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में वाईएसआरसी सभी सीटों पर आगे चल रही है. टीडीपी, भाजपा और कांग्रेस तस्वीर से गायब हैं. राज्य में 2014 के विपरीत सभी दलों ने अपने दम पर चुनाव लड़ा है. पिछली बार टीडीपी और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था.
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन वाली एनडीए को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई है. इस जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा कि हम दो से दोबारा आ गए, लेकिन संस्कार नहीं भूलेंगे.
पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की यात्रा पर बात करते हुए कहा कि भाजपा की विशेषता है कि हम कभी दो भी हो गए लेकिन हम कभी अपने मार्ग से विचलित नहीं हुए और फिर दोबारा आ गए. जब दो थे तब भी निराश नहीं हुए और दोबारा आए तो भी न संस्कार छोड़ेंगे, न आर्दश छोड़ेंगे और न ही नम्रता छोड़ेंगे.
वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक जीत है. 50 वर्ष बाद किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चलाने का मौका मिला है. हमने 50 फीसदी की लड़ाई लड़ी और हमें 17 राज्यों में 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं.
जनता ने एक ओर हमें प्रचंड बहुमत दिया है तो दूसरी कांग्रेस को करारी हार मिली है. उन्होंने राज्यों के नाम गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस 17 राज्यों में अपना खाता नहीं खोल पाई है. इस जीत ने एक और बात साफ कर दी है है कि 50 साल से कांग्रेस परिवारवाद के बल पर राजनीति की है. लेकिन हमारी पार्टी ने इसके उलट काम किया और देश की जनता ने हमें समर्थन दिया.