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तेजस्वी के इस फॉर्मूले को असम में हथियार बनाएगी कांग्रेस, युवा मतदाताओं पर नजरें

तेजस्वी यादव के रोजगार वाले फॉर्मूले को कांग्रेस असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनाने जा रही है.  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को असम के लखीमपुर जिले में बेरोजगार युवाओं के लिए एक राज्यव्यापी विरोध अभियान लांच किया है, इसके सहारे कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई है.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में बेरोजगारी को तेजस्वी ने बनाया था मुद्दा
  • असम में कांग्रेस बनाएगी नौकरी को मुद्दा
  • कांग्रेस जिला और ब्लॉक स्तर पर बीजेपी को घेरेगी

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के रोजगार वाले फॉर्मूले को कांग्रेस असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनाने जा रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को असम के लखीमपुर जिले में बेरोजगार युवाओं के लिए एक राज्यव्यापी विरोध अभियान लांच किया है, जिसके सहारे कांग्रेस राज्य में बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई है. हालांकि, देखना है कि कांग्रेस इस मुद्दे के सहारे असम के युवाओं को साधने में कितना सफल रहती है? 

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बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में रोजगार का मुद्दा छाया रहा था. तेजस्वी यादव ने चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम करेंगे. इस मुद्दे को शुरू में बीजेपी-जेडीयू के नेताओं ने हल्के में लिया था, लेकिन तेजस्वी यादव की संभाओं में नौजवानों की भीड़ जुटने लगी थी. तेजस्वी जहां भी प्रचार के लिए जाते सिर्फ रोजगार की बातें करते थे, जिससे जेडीयू के साथ बीजेपी के बड़े नेताओं के होश उड़ गए थे और नीतीश के हाथ से सत्ता जाते-जाते बची है. यही वजह है कि कांग्रेस इसी मुद्दे को असम की चुनावी रण में आजमा रही है. 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने असम के युवा मतदाताओं को साधने के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को उठाकर एक विशेष कैंपेन सोमवार को लांच किया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि ऐसे लोगों को पहचानिए जिन्होंने एक साल में 25 लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आए थे लेकिन पांच लाख 80 हजार लोगों को भी रोजगार नहीं दे सके. ऐसे में हमारी पार्टी रोजगार के मुद्दे पर असम के युवाओं के साथ खड़ी है. बेरोजगारी को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता जिला और ब्लॉक स्तर पर बीजेपी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे और बीजेपी सरकार को घेरेंगे.  

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प्रियंका गांधी ने असम के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार न तो असम की संस्कृति से वाकिफ है और न ही उसे मजबूत करने की दिशा में कोई कदम उठाया है जबकि असम की पहचान ही उसी संस्कृति है. यहां की हस्तकला और चाय देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में जानी जाती है, लेकिन पांच साल में असम की इस पहचान को मजबूत करने का काम बीजेपी सरकार ने नहीं किया. मौजूदा सरकार अगर काम करती तो असम में बेरोजगारी की मौजूदा स्थिति ऐसी कतई नहीं होती. उन्होंने कहा कि देश के दो तीन उद्योगपतियो के हाथ में देश के संसाधनों को सौंप दिया गया है.  

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि असम की ताकत युवाओं के हाथ में है. असम के युवा प्रदेश की दशा और दिशा बदलने की ताकत रखते हैं. प्रियंका ने कहा कि बस मैं यही कहना चाहती हूं कि आपका भविष्य आपके हाथ में है. बेरोजगारी के मुद्दे पर हम आपके साथ मजबूती के साथ खड़े ही नहीं बल्कि कंधे से कंधा मिलाकर आपकी लड़ाई को लड़ने का काम करेंगे. 

प्रियंका ने युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि इस चुनाव में आप लोग सोच समझकर वोटिंग कीजिएगा. असम की संस्कृति बचाने और अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वोट कीजिएगा. एक मौजूदा सरकार है जिसे न तो आपकी संस्कृति से मतलब है और न ही आपके भविष्य से, जबकि एक सरकार पहले थी जिसने राज्य में तमाम औद्योगिक विकास खड़े किए और रोजगार देने का काम किया था. असम में बाढ़ के दौरान भी कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ आपके साथ खड़ी रही है. 

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बता दें कि असम में यूथ मतदाता अपनी संस्कृति के प्रति काफी लगाव रखता है. प्रदेश की राजनीति में यूथ काफी प्रभावित करते हैं. असम में दो प्रभावशाली छात्र संगठन है, जिसमें ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और असम जातीयबादी युवा छात्र परिषद (एजेवाइसीपी) है. असम में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन की कमान भी युवाओं के हाथ में रही है. एएएसयू तो मुख्य भूमिका में रहा है. असम की तकरीबन आधी से ज्यादा सीटों पर युवा मतदाता निर्णायक भूमिका में है.  

 

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