असम में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम प्रदेश को घुसपैठियों से मुक्त कराएंगे. उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव ने दूरदृष्टि के साथ पूरे पूर्वी क्षेत्र को भारत के साथ जोड़ने का प्रयास किया, महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन के वक्त कहा था कि असम सही में भाग्यशाली है कि यहां 500 साल पहले शंकरदेव जी ने जन्म लिया.
बोरडुआ में रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में 15 साल तक कांग्रेस की सरकार रही मगर कभी श्रीमंत शंकर देव जी की भूमि को उन्होंने पुण्य स्थली मानकर उसमें एक स्मारक बनाने का काम नहीं किया, आपने भाजपा को मौका दिया और हमारे दोनों नेताओं ने श्रीमंत शंकर देव जी के संदेश को आगे बढ़ाने का काम किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे उत्तर पूर्व में विकास की नई शुरुआत हुई है, पहले असम आंदोलन, हिंसा से जाना जाता था, आज मोदी जी ने असम का गौरव बढ़ाने के ढेरों कार्य किए हैं, जो असम पहले हथियार, आंदोलन के लिए जाना जाता था, वहां बोडो लैंड का समझौता हुआ.
असम को बाढ़मुक्त करने का वादा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बाढ़ के कारण यहां लाखों लोग अपने घर को छोड़कर जाने के मजबूर होते हैं, सैटेलाइट के माध्यम से ऐसे स्थान ढूंढे गए हैं, जहां से पानी को डायवर्ट करके बड़े-बड़े तालाब बनाए जाएंगे, सिंचाईं की व्यवस्था की जाएगी, पर्यटन स्थल बनाए जाएंगे और असम को बाढ़ मुक्त बनाया जाएगा.
बीजेपी का वोट काटने के लिए खड़ी हुईं छोटी पार्टियां
असम में बनी छोटी-छोटी पार्टियों पर हमला बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम आंदोलन के वक्त जिस कांग्रेस ने असम ये युवाओं पर गोली चलाई, इसको जिताने के लिए आंदोलन करने वाले अलग-अलग नाम से भाजपा के वोट काटने के लिए खड़े हुए हैं, उनका मकसद है कांग्रेस को जिताना और सभी को मालूम है कि कांग्रेस सरकार नहीं बना सकती.
बंगाल में बीजेपी की लंच की राजनीति
पश्चिम बंगाल चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी लंच की राजनीति के साथ जनता का मन जीतने की कोशिश में जुटी हुई है. इसी के तहत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज गुरुवार को उत्तर 24 परगना के नैहाटी में जूट मिल वर्कर के घर पर खाना खाया.
नैहाटी के गौरीपुर इलाके में देवनाथ यादव के छोटे से घर में खाने का मैन्यू बहुत बड़ा था. चावल, रोटी, दो तरह की दाल, कई तरह की सब्जियां, मिठाई और चटनी का भोजन जेपी नड्डा और उनके साथ आए कैलाश विजयवर्गीय तथा दिलीप घोष को परोसा गया.
यह इलाका गौरीपुर जूट मिल के अंतर्गत आता है जो पिछले 35 सालों से बंद पड़ी है सिर्फ यही नहीं पश्चिम बंगाल में इस वक्त कई जूट मिले बंद पड़ी हैं और लगभग तीन लाख से ज्यादा जूट मिल वर्कर हैं. इनमें से ज्यादातर बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं, जिनका वोट बैंक ध्यान में रखकर इस बार बीजेपी ने जूट मिल वर्कर के घर पर लंच का कार्यक्रम किया.
हालांकि जेपी नड्डा ने यादव परिवार की आर्थिक हालत के बारे में कोई बातचीत नहीं की. यादव परिवार के कई सदस्यों से हमने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि नड्डा साहब ने खाने की तारीफ की लेकिन हमारी परिस्थिति को लेकर कोई बातचीत नहीं हो पाई.
दरअसल, बीजेपी की लंच पॉलिटिक्स के पीछे सीधे तौर पर गरीबों के घर जाकर उनसे जोड़ने की कोशिश है और बड़े नेताओं की हर चुनावी रैली में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि बड़े नेता गरीबों के घर जाकर उनके साथ उनका भोजन चखें.