असम के करीमगंज में लावारिस कार में ईवीएम मिलने के मामले पर चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. ईवीएम मिलने के बाद से इलाके में राजनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है. करीमगंज जिले के कनिसैल कस्बे में एक बोलेरो गाड़ी में रखी ईवीएम मिली है. गाड़ी में कोई नहीं था.
शुरुआती जांच में पता चला है कि वो बोलेरो गाड़ी पाथरकांडी निर्वाचन क्षेत्र के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है. जिला निर्वाचन अधिकारियों ने जब जनता की शिकायत पर गाड़ी पर पहुंचे तो वहां कोई मतदान अधिकारी, चुनाव आयोग का कोई कर्मचारी गाड़ी में या आसपास नहीं मिला. ना कोई दावेदार आया.
इसके बाद आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के जरिए करीमगंज के जिला निर्वाचन अधिकारी यानी डीएम से फौरन विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. गाड़ी में ईवीएम मिलने का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सभी राजनीतिक दलों से ईवीएम के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है.
ईवीएम मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, 'हर बार चुनाव के दौरान ईवीएम को निजी वाहनों में ले जाते हुए पकड़े जाने पर कई चीजें एक होती हैं, पहला गाड़ी आमतौर पर भाजपा उम्मीदवारों या उनके सहयोगियों के होते हैं.'
.. The EC needs to start acting decisively on these complaints and a serious re-evaluation of the use of EVM’s needs to be carried out by all national parties. 3/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 2, 2021
अपने अगले ट्वीट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 'क्रोनोलॉजी' समझाते हुए कहा, 'इस तरह के वीडियो को एक घटना के रूप में लिया जाता है और बाद में खारिज कर दिया जाता है. इसके साथ ही बीजेपी अपने मीडिया तंत्र का इस्तेमाल उन लोगों पर आरोप लगाने के लिए करती है जिन्होंने ईवीएम को निजी गाड़ियों में ले जाने के वीडियो को उजागर किया होता है.'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'तथ्य यह है कि इस तरह की कई घटनाओं की सूचना दी जा रही है और उनके बारे में कुछ भी नहीं किया जा रहा है. चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने और सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा ईवीएम पर पुनर्मूल्यांकन शुरू करने की आवश्यकता है.'
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'EC की गाड़ी ख़राब, भाजपा की नीयत ख़राब, लोकतंत्र की हालत ख़राब!'