असम में पहले चरण के मतदान में 47 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है. इस चरण में ऊपरी असम में वोटिंग है. बता दें कि साल 2019-20 में असम के ऊपरी जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन हुआ था.
अब चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टियां इस संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दों को जमकर भुनाने की कोशिश कर रही हैं और इसे चुनावी मुद्दा बना रही हैं. CAA पर विपक्षी दलों की सक्रियता ने सत्ताधारी बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है.
मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने असम के तेजपुर में कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो CAA को लागू नहीं करेगी. इसके अलावा उन्होंने BJP पर भी तीखा हमला किया.
प्रियंका ने कहा, "गृह मंत्री अमित शाह CAA-NRC को पूरे देश में लागू करने की बात कहते हैं कि लेकिन जब असम की बात होती है तो वे इसकी चर्चा नहीं करते हैं, बीजेपी और संघ असम की पहचान को कुचलना चाहते हैं". कांग्रेस ने CAA विरोध को ताजा करते हुए एक गाना लॉन्च किया है.
कांग्रेस की अगुवाई वाली महाजोत CAA के खिलाफ लोगों की भावनाएं को सहला रही है. इसके अलावा कांग्रेस की नजर NRC पर है जिसकी वजह से असम में हजारों परिवार नाराज हैं. यहां तक कि असम में हंगामे के दौरान शहीद हुईं बैजयंती देवी का परिवार भी तेजपुर के चांदमारी में डी-वोटर्स की कैटेगरी में है.
इंडिया टुडे ने इस परिवार के एक दूर के रिश्तेदार टंका प्रसाद उपाध्याय से बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी ये वादा करके सत्ता में आई थी कि सभी अवैध घुसपैठियों को को भगाने का वादा करके आई थी, ये वादा अभी भी पूरा नहीं हुआ है, CAA की वजह से 1971 के बाद असम आए सभी लोग वैध नागरिक बन जाएंगे जबकि जो यहां के लोग हैं वो डी-वोटर्स की कैटेगरी में चले जाएंगे.
बता दें कि असम में CAA के खिलाफ छात्र संगठन AASU, AJYCP और कृषक मुक्ति संग्राम समिति अभियान चला रहे हैं. कृषक मुक्ति संग्राम अखिल गोगोई एक साल से जेल में है. ये संगठन NRC की वजह से पैदा हुए गड़बड़ी के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
असम जातीय पार्टी के सचिव जन बोरा ने इंडिया टुडे को कहा कि असम के लोगों को डर है कि यहां भी त्रिपुरा जैसे हालात हो जाएंगे और बड़ी संख्या में बाहरी लोग आ जाएंगे. CAA की वजह से हमारी संस्कृति, असमिया भाषा को खतरा है. बीजेपी और कांग्रेस NRC की गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार है. असम के लोग इन्हें चुनाव में खारिज करेंगे.
बता दें कि असम में पीएम मोदी और अमित शाह ने कई रैलियां की है, लेकिन उन्होंने अपने कार्यक्रमों में अबतक CAA और NRC की चर्चा नहीं की है. बीजेपी के बड़े नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कहा है कि NRC डाटा उनकी सरकार को स्वीकार्य नहीं है.
बता दें कि अगस्त 2019 में जारी NRC रिपोर्ट में 19 लाख लोगों की नागरिकता संदिग्ध मानी गई है, इसमें बड़ी संख्या में हिन्दू भी हैं.