पश्चिम बंगाल सहित देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. बंगाल में बीजेपी अकेले मैदान में है तो असम और तमिलनाडु में उसने क्षेत्रीय दलों के सहारे चुनावी जंग फतह करने की रणनीति बनाई है. असम में बीजेपी ने अपने सहयोगी दल असम गण परिषद (एजेपी) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया है, जिसकी औपचारिक घोषणा गुरुवार को हो सकती है. वहीं, तमिलनाडु में अभी तक AIADMK के साथ बीजेपी की सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है.
असम में सीट बंटवारे पर बनी सहमति
असम विधानसभा चुनाव की सीट शेयरिंग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार को इस बारे में एक अहम बैठक हुई, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास, एजेपी के अध्यक्ष और राज्य सरकार के मंत्री अतुल बोरा के यूपीपीएल के प्रमुख प्रमोद बोरो मौजूद थे. बीजेपी ने अपनी सहयोगी दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला तय किया गया है.
A delegation of senior leaders comprising @agpofficial_ President Sri @ATULBORA2 & BTR CEM Sri @Pramodboro1 met Hon HM Sri @AmitShah and @BJP4India President Sri @JPNadda in Delhi this evening.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 3, 2021
We're working out the modalities & a formal alliance will be declared tomorrow. pic.twitter.com/shDCGMcsY6
असम में बीजेपी इस बार एजेपी और यूपीपीएल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. माना जा रहा है कि राज्य की कुल 126 सीटों में से 25 सीटें असम गण परिषद के खाते में जा सकती हैं जबकि यूपीपीएल को 12 सीटें मिल सकती है. वहीं, बाकी बची 89 सीटों पर बीजेपी खुद चुनावी मैदान में उतर सकती है. इस तरह से बीजेपी और असम गण परिषद पिछली बार की ज्यादा सीटों पर चुनावी किस्मत आजमा सकती है.
बता दें कि 2016 के चुनाव में बीजेपी, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) मिलकर लड़ी थीं. प्रदेश की 126 सीटों में से बीजेपी ने 84 सीटों पर चुनाव लड़कर 60 सीटें जीती थीं, असम गण परिषद ने 24 सीटों पर चुनाव लड़कर 14 सीटें जीती थीं जबकि बीपीएफ 16 सीटों पर लड़कर 12 सीटें जीती थी. इस बार के चुनाव में बीजेपी के अगुवाई वाले गठबंधन से बीपीएफ नाता तोड़कर कांग्रेस खेमे में आ गई है. इसके चलते बीजेपी ने यूपीपीएल को अपने साथ मिला लिया है.
तमिलनाडु में बीजेपी-AIADMK के बीच फंसा पेच
वहीं, तमिलनाडु में बीजेपी सत्ताधारी एआईएडीएमके के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेगी, जिसके लिए दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंथन चल रहा है. पिछले शनिवार को बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, जनरल वीके सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व तमिलनाडु राज्य के पार्टी प्रभारी सीटी रवि, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एल मुरुगन ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के साथ सीट बंटवारे को लेकर बैठक की थी.
बीजेपी ने तमिलनाडु में करीब 60 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है, जिसकी लिस्ट पार्टी ने एआईएडीएमके को सौंपी है, लेकिन इस बार वो राजी नहीं है. माना जा रहा है एआईएडीएमके बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा 21 सीटें देने को राजी है. हालांकि, एआईएडीएमके ने गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टी पत्ताली मक्कल काची (पीएमके) को 23 सीटें देने का फैसला किया है. एआईए़डीएमके बीजेपी से ज्यादा पीएमके को सीटें दे रही है. इसी के चलते अभी तक एआईएडीएमके और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है.