चुनाव आयोग ने असम के वित्त मंत्री और सीनियर बीजेपी लीडर हिमंत बिस्वा सरमा को एक नोटिस भेजा है. ये नोटिस चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की शिकायत के बाद भेजा गया है. कांग्रेस ने अपनी शिकायत में हिमंत बिस्वा सरमा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने BPF (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट) के हगरमा मोहिलरी को जेल में भेज देने की धमकी दी है.
30 मार्च, 2021 के दिन कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत में कांग्रेस ने मांग की है कि हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ FIR दर्ज की जाए. और पूरे असम विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रचार करने से बैन किया जाए.
अपने शिकायत पत्र में कांग्रेस ने लिखा है कि 29 मार्च के दिन असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुले मंच से कांग्रेस के सहयोगी और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के चेयरमैन हगरमा मोहिलरी को जेल में भेजने की धमकी दी थी. हिमंत बिस्वा सरमा ने धमकी दी थी कि केंद्रीय एजेंसी NIA (जोकि केंद्र सरकार यानी भाजपा के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करती है) की जांच बिठाकर बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के चेयरमैन को जेल भिजवाएंगे. जबकि हिमंत बिस्वा सरमा को NIA को नियंत्रण करने की कोई शक्ति नहीं है और न ही हगरमा मोहिलरी को जेल भेजने की है.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एक खुले मंच से इस तरह की धमकी देकर उन्होंने कांग्रेस और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट को वोट न करने के लिए वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की है. केंद्रीय संस्थाएं केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को वोट दिलाने का टूल नहीं हो सकती हैं. उपरोक्त कथन मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का भी उल्लंघन है. इस पर संज्ञान लेते हुए हिमंत बिस्वा सरमा पर कार्रवाई की जाए ताकि स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव हो सके.