चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक सप्ताह का वक्त बचा है. इस बीच, चुनावी प्रचार अभियान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम के दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने चबुआ में बीजेपी की चुनावी रैली को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि चबुआ के नाम में ही चाय है. यहां रोपा गया चाय का पौधा आज दुनिया में कहां-कहां अपनी सुगंध फैला रहा है, ये हम सभी जानते हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाय की पहचान मिटाने वालों के साथ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी पार्टी है, जिसने 50-55 वर्षों तक भारत पर शासन किया, वो ऐसे लोगों का समर्थन कर रही है जो चाय से जुड़ी भारत की छवि को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. क्या हम इसके लिए कांग्रेस को माफ कर सकते हैं? क्या वे सजा पाने के लायक नहीं हैं?
जनसभा में पीएम मोदी ने टूलकिट केस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक टूलकिट सर्कुलेट किया गया जिसमें असम और हमारे योग को बदनाम करने की कोशिश की गई. कांग्रेस पार्टी इन टूलकिट तैयार करने वालों का समर्थन करती है और अब भी असम में वोट मांगने का दुस्साहस रखती है! क्या हम किसी पार्टी को इस तरह माफ कर सकते हैं?
कांग्रेस ने असम का अपमान किया-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस असम के लोगों से बहुत दूर चली गई है. कुछ दिन पहले उन्होंने (कांग्रेस) श्रीलंका की एक तस्वीर साझा की और कहा कि यह असम है. कुछ दिनों पहले उन्होंने ताइवान की तस्वीर शेयर की और कहा कि यह असम था. यह हमारे खूबसूरत असम के साथ अन्याय और अपमान है.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस आज उस पार्टी के साथ गठबंधन के साथ मैदान में उतरी है जो असम की अस्मिता, असम की संस्कृति के लिए अपने आप में एक बहुत बड़ा खतरा है, बहुत बड़ा संकट है.
एक तरफ हमारी सरकार, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के पवित्र मंत्र पर काम कर रही है. वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस आज झूठी घोषणाओं का भोंपू बनकर रह गई है. उसकी ये सच्चाई देश भर के लोग देख भी रहे हैं, समझ भी रहे हैं. कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस, आज सिमटती जा रही है. कारण बिल्कुल साफ है. कांग्रेस में प्रतिभा के प्रति सम्मान नहीं है, सत्ता का लालच सर्वोपरि है. सत्ता के लिए ये किसी का भी साथ ले सकते हैं, किसी का भी साथ दे सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में शांति बनाए रखने के लिए, स्थिरता बनाए रखने के लिए बीजेपी सरकार की, एनडीए सरकार की निरंतर जरूरत है. ये समय असम के भविष्य के लिए बहुत अहम है. ये समय आत्मविश्वास का है, आत्मनिर्भरता का है. आपको याद रखना है कि ये वही कांग्रेस है, जिसने मूल निवासियों को जमीन का अधिकार देने के लिए कभी भी गंभीर कदम नहीं उठाए. यहां के मूल निवासियों को जमीन के पट्टे देने का काम सीएम सर्बानंद के नेतृत्व में एनडीए की सरकार ने ही शुरू किया.
'चायवाला, आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा'
पीएम मोदी ने कहा कि यहां 5 साल पहले ब्रह्मपुत्र पर पुलों की स्थिति क्या थी, ये आप भलीभांति जानते हैं. नए ब्रिज तो छोड़िए जो सालों पहले अटल जी की सरकार ने शुरू किए थे, उन्हें भी कांग्रेस सरकारों ने लटका दिया था. हमने इन प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा किया. एक चायवाला, आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा. मैं विश्वास दिलाता हूं कि टी गार्डन्स में काम करने वाले श्रमिक साथियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए एनडीए सरकार का अभियान और तेज किया जाएगा.
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