scorecardresearch
 

अभय-अजय-दुष्यंत-रणजीत... आखिर कितने टुकड़ों में हरियाणा की सियासत करती है चौटाला फैमिली?

हरियाणा और देश की सियासत में चौधरी देवीलाल ताऊ के नाम से मशहूर रहे हैं. इस फैमिली से जुड़े सदस्य पार्टियां बदलते रहे, लेकिन कुनबे की चमक और धमक राजनीति के मैदान में धुंधली नहीं पड़ी. हिसार जिले के तेजाखेड़ा गांव में जन्मे देवीलाल 15 साल की उम्र में आजादी की लड़ाई में शामिल हुए.

Advertisement
X
हरियाणा में चौटाला फैमिली अलग-अलग खेमे में बंट गई है.
हरियाणा में चौटाला फैमिली अलग-अलग खेमे में बंट गई है.

हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं. चौधरी देवीलाल का परिवार सियासत के केंद्र में है. इस परिवार के सदस्य जननायक जनता पार्टी (JJP), इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से लेकर कांग्रेस और बीजेपी तक का हिस्सा रहे हैं. यह परिवार वर्तमान में किन पार्टियों में अपना दबदबा बनाए है और राजनीति कर रहा है? जानिए चौटाला फैमिली कितने टुकड़ों में सियासत करती है? 

Advertisement

हरियाणा और देश की सियासत में चौधरी देवीलाल ताऊ के नाम से मशहूर रहे हैं. इस फैमिली से जुड़े सदस्य पार्टियां बदलते रहे, लेकिन कुनबे की चमक और धमक राजनीति के मैदान में धुंधली नहीं पड़ी. हिसार जिले के तेजाखेड़ा गांव में जन्मे देवीलाल 15 साल की उम्र में आजादी की लड़ाई में शामिल हुए. 1930 में महात्मा गांधी के आंदोलन में शामिल हुए तो जेल जाना पड़ा. 1938 में वे कांग्रेस का हिस्सा बने. 1942 में 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' आंदोलन के दौरान करीब दो साल तक जेल में रहना पड़ा. देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री रहे और दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. चौथी पीढ़ी से आने वाले दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम रहे.

कैसा रहा देवीलाल का सियासी सफर?

देश की आजादी के बाद साल 1952 में पहली बार चुनाव हुए तो हरियाणा, पंजाब का हिस्सा था और 62 साल पहले चौधरी देवीलाल पहली बार कांग्रेस से विधायक बने. उसके बाद वे 1957 और 1962 में भी पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे. 1956 में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने. उसके बाद देवीलाल ने हरियाणा को अलग राज्य बनाने की लड़ाई छेड़ दी. 1966 में हरियाणा राज्य बन गया. 1971 में देवीलाल ने कांग्रेस छोड़ दी. इमरजेंसी में जेल गए. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े. पहली बार दो साल तक ही राज्य के सीएम रह पाए. 1987 में लोकदल बनाया. इसी साल उन्होंने हरियाणा में सरकार बनाई. 1989 में वे जनता दल सरकार में शामिल हो गए. उन्हें वीपी सिंह और चंद्रशेखर सरकार में उपप्रधानमंत्री की कुर्सी मिली.

Advertisement

हरियाणा

ओमप्रकाश को मिली राजनीतिक विरासत

देवीलाल की 5 संतानों में चार बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह और जगदीश चौटाला हुए. जब देवीलाल डिप्टी पीएम बने तो बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने राजनीतिक विरासत संभाली और हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. ओमप्रकाश 1989 से 1991 तक मुख्यमंत्री रहे. 1991 में लोकसभा चुनाव हारे और यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा समाप्त हो गई. 1999 में ओमप्रकाश चौटाला ने बीजेपी की मदद से हरियाणा में सरकार बनाई. 2005 तक वे हरियाणा के सीएम बने. 2001 में देवीलाल का देहांत हो गया. ओमप्रकाश चार बार हरियाणा के सीएम रहे. 

रणजीत कांग्रेस में रहे, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए

ओमप्रकाश के नेतृत्व से फैमिली में मतभेद हुए और रणजीत ने अलग राह अपना ली. रणजीत लंबे अरसे तक कांग्रेस में रहे. वे जब तक कांग्रेस में रहे, चुनाव नहीं जीत पाए. 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो रानिया सीट से निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की.इस साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए और मंत्री बनाए गए. उसके बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से टिकट दिया और वो हार गए. हाल में जब रणजीत ने ऐलान किया कि वो रानिया से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी टिकट नहीं देगी तो निर्दलीय उतरेंगे. दो दिन पहले बीजेपी ने रणजीत का टिकट दिया तो उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया.

Advertisement

दो खेमों में बंट गया परिवार

फिलहाल, चौटाला परिवार दो खेमों में बंट चुका है. वर्तमान समय में देवीलाल के कई नाती और पोते हरियाणा की राजनीति में कई दलों में सक्रिय हैं. ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो - INLD) से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बना ली है. जबकि इनेलो की कमान ओम प्रकाश चौटाला और उनके छोटे बेटे अभय चौटाला के हाथों में है. अजय चौटाला की विरासत उनके दोनों बेटे दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला संभाल रहे हैं. इनेलो और जेजेपी दोनों पार्टियां अपने वजूद को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

जननायक जनता पार्टी के संयोजक दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उप मुख्यमंत्री रहे हैं. वे ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला के सुपुत्र हैं. दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय चौटाला भी चुनाव लड़ चुके हैं. अजय चौटाला खुद सांसद रहे हैं. ओम प्रकाश के दूसरे बेटे अभय चौटाला वर्तमान में ऐलनाबाद सीट से विधायक हैं. वे पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे. अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला दो बार विधायक रही हैं. ओम प्रकाश चौटाला के दूसरे भाई प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला भी चुनाव लड़ चुकी हैं. अभय चौटाला के बेटे करण चौटाला भी राजनीति में सक्रिय हैं. देवी लाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के बेटे आदित्य चौटाला भी चुनाव लड़े और हार गए. चौटाला फैमिली को आज भी हरियाणा की सियासत में किंगमेकर की भूमिका में देखा जाता है.

Advertisement

हरियाणा

चौटाला परिवार में 2013 में फूट का आगाज?

साल 2013 में चौटाला परिवार में फूट की शुरुआत हुई. दरअसल, जब ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला जेबीटी घोटाले में 10 साल के लिए जेल गए तो इनेलो की कमान अभय चौटाला के हाथ में आ गई. 2014 के चुनाव में अजय चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला राजनीति में आए. 2014 में दुष्यंत हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और कुलदीप बिश्नोई को हराकर सबसे युवा सांसद बने. उसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव आए और इनेलो हार गई. 

दरअसल, दुष्यंत के सांसद बनने के बाद पार्टी दो खेमों में बंट गई थी. एक गुट अभय चौटाला के साथ खड़ा था और दूसरा दुष्यंत के साथ. 2018 में अंदरखाने की लड़ाई सड़क पर आ गई. ओमप्रकाश चौटाला ने अजय के दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया. इनेलो की कमान अभय के पास पूरी तरह से आ गई.

दिसंबर 2018 में दुष्यंत ने नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन किया. 2019 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत फिर मैदान में उतरे, लेकिन बीजेपी के बृजेंद्र सिंह से हार गए. उसके बाद वे विधानसभा का चुनाव लड़े और जीत हासिल की. JJP किंगमेकर बनी और खट्टर सरकार का हिस्सा बन गई. दुष्यंत डिप्टी सीएम बनाए गए. इस साल लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी तो दोनों दल अलग हो गए. 

Advertisement

जानिए, चौटाला फैमिली में कौन-कौन?

देवीलाल के चार बेटेः ओमप्रकाश चौटाला, स्व. प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह (कांग्रेस) और स्व. जगदीश चौटाला. 

ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटेः अजय और अभय चौटाला. 

अजय और अभय के दो-दो बेटे 

अजय चौटाला के बेटेः दुष्यंत और दिग्विजय. दोनों राजनीति में. 

अभय चौटाला के बेटेः कर्ण और अर्जुन. दोनों राजनीति में. 

प्रताप चौटाला के दो बेटेः रवि और जितेंद्र. दोनों बिजनेसमैन. 

रणजीत चौटाला के दो बेटेः गगनदीप और स्व. संदीप सिंह. गगनदीप बिजनेसमैन. 

जगदीश चौटाला के तीन बेटेः आदित्य (बीजेपी), अभिषेक (वकील) और अनिरुद्ध (वकील)

Live TV

Advertisement
Advertisement