हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने भी कमर कस ली है. हरियाणा में चुनावी कैंपेन के लिए बीएसपी ने अपने उत्तराधिकार आकाश आनंद के लिए एक खास रणनीति बनाई है. अब आकाश हरियाणा के गांव-गांव जाकर चौपाल करेंगे और खुद को लोगों से कनेक्ट करेंगे.
आकाश की चौपाल के लिए पार्टी ने बाकायदा एक स्पेशल रथ भी तैयार कराया है, जिसमें आकाश गांवों में जाकर लोगों से बसपा के पक्ष में वोट मांगेंगे. बताया जा रहा है कि आकाश बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियों के बजाए चौपाल को इस बार ज्यादा प्राथमिकता देंगे.
बसपा और इनेलो ने मिलाया हाथ
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा ने इस बार इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. बसपा इनेलो के साथ ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश करेगी और हरियाणा की जमीन से अन्य राजनीतिक दलों को संदेश देने की कोशिश करेगी की अभी बीएसपी कमजोर नहीं हुई है.
बीते महीने बसपा ने तय किया था कि वो हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और कहा कि आकाश चुनावी राज्यों में प्रचार की कमान संभालेंगे और संगठन को मजबूती देने की दिशा में काम करेंगे.
क्यों टूटा सपा-बसपा गठबंधन
हाल ही में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूटने की वजह का खुलासा किया था. बीएसपी सुप्रीमो ने अपने कार्यकर्ताओं को बताया 2019 में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से गठबंधन तोड़ना पड़ा. मायावती ने पार्टी की बुकलेट में दावा किया है कि 2019 में गठबंधन के बावजूद सपा सिर्फ पांच सीटें जीत पाई थी, जबकि बीएसपी ने 10 सीटें जीती थीं. इसीलिए अखिलेश यादव ने हमारा फोन उठाना बंद कर दिया था.