आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, दिल्ली में मतदाता सूची से पात्र मतदाताओं के नाम कटवा रही है. उन्होंने दावा किया था कि जिन मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं, वे AAP समर्थक हैं. इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.
इस बैठक में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की. दोनों दलों ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी मतदाताओं को उचित अवसर दिए बिना उनके नाम सूचियों से हटा रहे हैं. बैठक में कांग्रेस और AAP ने जोर देकर कहा कि मतदाताओं के नाम अचानक हटाए जाने से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों का विश्वास कम हो रहा है. दोनों दलों ने कहा कि ऐसा करने से आने वाले विधानसभा चुनावों पर भी असर पड़ेगा.
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इस बीच, भाजपा दिल्ली राज्य चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया से संतुष्ट नजर आई और उसने मतदाता सूची के सारांश संशोधन के तरीके पर आपत्ति नहीं जताई. दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी और उनकी टीम ने पार्टियों को जानकारी दी कि उन्होंने मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने के लिए लगभग 4 लाख आवेदन प्राप्त किए हैं. इस सूचना के बावजूद, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता पंकज गुप्ता और जैस्मिन शाह ने कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाने का कार्य बिना पूर्व सूचना या उचित सुनवाई के किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता चतर सिंह ने चिंता व्यक्त की कि 2013 के विधानसभा चुनाव से अभी तक हर चुनाव में कम से कम 10% नए मतदाता वोटर लिस्ट में जुड़े हैं, लेकिन इस बार केवल 3% से थोड़ा अधिक नए मतदाता जोड़े गए हैं. उन्होंने दावा किया कि भले ही जिन्होंने आवेदन किया है वे सभी जोड़ दिए जाएं, फिर भी मतदाताओं की बढ़त पिछले चुनाव की तुलना में 10% नहीं होगी. भाजपा ने झुग्गी बस्तियों जैसे क्षेत्रों में एक पते पर अचानक अधिक संख्या में मतदाताओं के होने के मुद्दे को उठाया.
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बीजेपी ने कहा कि यह अनियमितताओं की ओर इशारा करता है. निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग को इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए. इस बैठक में अलग-अलग राजनीतिक दलों के मुद्दों और मतदाता सूची की सटीकता पर दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखा. दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी दलों की चिंताओं और आवेदनों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने का वादा किया.