दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. बैठक में आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य पर जोर दिया गया. बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, सांसदों को दिल्ली की कई विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं.
ये बैठक तीन मुख्य एजेंडों पर केंद्रित रही. पहला एजेंडा बीजेपी उम्मीदवार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना था, ताकि चुनावी रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके. दूसरा, प्रधानमंत्री की जनकल्याण नीतियों को जनता तक मजबूती से पहुंचाने की योजना बनाई गई. तीसरा और अंतिम एजेंडा सोशल मीडिया के जरिए से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विफलताओं को जनता के सामने लाना था, ताकि बीजेपी की मजबूती को उजागर किया जा सके.
'जनता तक पहुंचानी हैं बीजेपी की गारंटी'
बीजेपी के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक का मुख्य मंत्र वोटरों को अधिक से अधिक संख्या में मतदान केंद्रों तक लाना और बीजेपी द्वारा दी गईं गारंटी को जनता तक पहुंचाना है.
बैठक में दिल्ली बीजेपी के प्रभारी बैजंत पांडा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली के सभी सात सांसद और संगठन मंत्री बी एल संतोष सहित अन्य महत्वपूर्ण नेता मौजूद थे. बैठक में दिल्ली के सभी 70 उम्मीदवारों के साथ संगठनात्मक चर्चा की गई और आगामी कदमों को लेकर विचार-विमर्श किया गया. इस बैठक से बीजेपी ने चुनावी तैयारियों में एक मजबूत कदम बढ़ाया है, जिससे पार्टी का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है.
5 फरवरी को होगी वोटिंग
आपको बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. साल 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी ने आठ सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने प्रचंड बहुमत के साथ 67 सीटें जीती थीं. तब बीजेपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस इन दोनों चुनावों में कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई थी.