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हरियाणा में BJP का शक्ति प्रदर्शन! महाराष्ट्र-झारखंड तक ताकत का संदेश देने की है कोशिश

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के ऐलान के बाद NDA अपने गठबंधन की ताकत दिखाने जा रहा है. हरियाणा में नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण में एनडीए शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को न्योता भेजा गया है. चंडीगढ़ से संदेश देने की तैयारी है कि कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी गठबंधन के साथियों के साथ ज्यादा मजबूती से जुड़ी रहती है. संदेश इसलिए देने की तैयारी है क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड वो राज्य हैं.

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एनडीए गठबंधन के सभी सीएम और डिप्टी सीएम नायब सैनी के शपथ समारोह में शामिल होंगे (फाइल फोटो)
एनडीए गठबंधन के सभी सीएम और डिप्टी सीएम नायब सैनी के शपथ समारोह में शामिल होंगे (फाइल फोटो)

रतन टाटा ने कहा था कि अगर आपको तेज चलना है तो अकेले चलिए, लेकिन अगर आपको लंबा चलना है तो लोगों को साथ लेकर चलिए... वर्तमान और भविष्य की सियासत पर भी यही मंत्र लागू हो रहा है. जहां 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद साफ है कि अपने दम पर राजनीति तेज हो सकती है लेकिन लंबी सियासी पारी खेलने के लिए गठबंधन जरूरी है. गठबंधन ही महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव जब किसी को जितवा सकता है, तब गुरुवार को निगाहें हरियाणा पर रहेंगी. जहां शपथ नायब सिंह सैनी की होगी लेकिन प्रधानमंत्री के साथ NDA के सभी 20 मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की ताकत दिखेगी. जैसे बुधवार को INDIA ब्लॉक ने अपनी एकता जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के शपथग्रहण में दिखानी चाही.

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महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के ऐलान के बाद NDA अपने गठबंधन की ताकत दिखाने जा रहा है. हरियाणा में नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण में एनडीए शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को न्योता भेजा गया है. चंडीगढ़ से संदेश देने की तैयारी है कि कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी गठबंधन के साथियों के साथ ज्यादा मजबूती से जुड़ी रहती है. संदेश इसलिए देने की तैयारी है क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड वो राज्य हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों को साथियों के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ना है.

हरियाणा में मौजूद रहेंगे 18 राज्यों के सीएम

गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में दावा है कि एनडीए के सारे मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम मौजूद होंगे. एनडीए शासन वाले 18 राज्यों के मुख्यमंत्री, 8 राज्यों के डिप्टी सीएम, एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री ना सिर्फ बीजेपी शासित हरियाणा के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण में मौजूद होंगे. बल्कि प्रधानमंत्री मोदी एनडीए शासित सरकारों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी करेंगे. इस बैठक में संविधान के अमृत महोत्सव मनाने और लोकतंत्र की हत्या के पचास साल पर विशेष कार्यक्रम को लेकर चर्चा होगी.

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जिस हरियाणा से बीजेपी अपने गठबंधन की एकजुटता का संदेश महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों तक पहुंचा देने में जुटी है, उसी हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद महाराष्ट्र से उन्हीं की साथी उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपने मुखपत्र सामना में लिख चुकी है कि जीत की पारी को कैसे हार में बदला जाए, ये कोई भी कांग्रेस से सीख सकता है. जबकि महाराष्ट्र में एनडीए ये साबित करने में जुटा है कि गठबंधन समझना है तो महायुति को देखिए. बुधवार को सीएम शिंदे दोनों डिप्टी सीएम के साथ दो साल से अधिक के कामकाज की रिपोर्ट देने आए.

जम्मू-कश्मीर में INDIA ब्लॉक ने दिखाई एकता

गुरुवार को एनडीए शक्ति दिखाएगा. बुधवार को बारी INDIA ब्लॉक की थी. केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राहुल गांधी, अखिलेश यादव, प्रकाश करात, संजय सिंह समेत INDIA ब्लॉक के कई नेता शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे. अखिलेश यादव ने कहा कि एकता ही INDIA है. लेकिन जम्मू-कश्मीर में ही INDIA ब्लॉक की एकता के सारे सुर एक साथ नहीं लगे दिखे. जहां साथ में चुनाव लड़कर भी कांग्रेस उमर सरकार में शामिल नहीं हुई.

उमर की शपथ में INDIA गठबंधन की उम्र और बढ़ाने के मकसद से नेता जुटे. पहली लाइन में फारूक अब्दुल्ला की बाईं ओर प्रियंका गांधी और दाईं ओर राहुल गांधी बैठे दिखे. समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, सीपीआई के डी राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, डीएमके से कनिमोई, एनसीपी शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले से लेकर सीपीएम से प्रकाश करात तक शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे. अखिलेश यादव एकता को दिखाने के साथ बताना नहीं भूलते कि कांग्रेस अगर क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलेगी तभी गठबंधन जीतेगा.

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INDIA गठबंधन में सब सही है?

अब कौन कितनी नसीहत लेगा. ये महाराष्ट्र, झारखंड के नतीजों में पता चल जाएगा. उससे पहले जम्मू कश्मीर में ही क्या गठबंधन की एकता के तार बिखरे दिखे हैं. क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेस के साथ चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हई है. कांग्रेस उमर सरकार को बाहर से ही समर्थन करेगी. आजतक को जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद ने बताया है कि कांग्रेस ने बाहर से समर्थन का फैसला नैतिकता के आधार पर लिया है. कांग्रेस दलील ये देती है कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक वो अभी सरकार में शामिल नहीं होंगे. सूत्रों ने बताया कि छह विधायक के बदले सिर्फ एक मंत्री पद का ऑफर होने से कांग्रेस खुश नहीं थी.

जानकार ये भी दावा करते हैं कि फिलहाल उमर सरकार से कांग्रेस के दूरी बनाने की वजह नेशनल कॉन्फ्रेंस का आर्टिकल 370 को लेकर स्टैंड है. जहां अभी नेशनल कॉन्फ्रेंस से दो हाथ की दूरी रखकर कांग्रेस महाराष्ट्र और झारखंड में इसे मुद्दा नहीं बनने देना चाहती.

गठबंधन जरूरी होता है तो मजबूरियां भी होती हैं. जैसे बिहार. जहां अगले साल चुनाव होना है. अभी गिरिराज सिंह हिंदू स्वाभिमान यात्रा लेकर निकलने वाले हैं. मंगलवार को जेडीयू ने आपत्ति जताई, कहा संविधान जरूरी है. बुधवार को बीजेपी को कहना पड़ गया कि नीतीश कुमार की सेक्युलर छवि से समझौता नहीं होने देंगे. गिरिराज सिंह की यात्रा को व्यक्तगित बताकर पार्टी ने किनारा कर लिया.

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