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Exit Polls: दिल्ली में तख्तापलट... कमल खिलेगा, डबल इंजन चलेगा!

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ. इसके बाद अब एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं. MATRIZE के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. लेकिन इसमें बीजेपी को मामूली बढ़त देखने को मिल रही है.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ. इसके बाद अब एग्जिट पोल सामने आने लगे हैं. एग्जिट पोल में दिल्ली में बड़ा बदलाव होते दिख रहा है.  MATRIZE के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. लेकिन इसमें बीजेपी को मामूली बढ़त देखने को मिल रही है. इन आंकड़ों के मुताबिक, आप को 32-37 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि बीजेपी 35-40 सीटों के साथ दिल्ली में सरकार बनाती दिख रही है. वहीं कांग्रेस को भी एक सीट मिलती दिख रही है.

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चाणक्य स्ट्रैटजी के एग्जिट पोल में क्या..

चाणक्य स्ट्रैटजी के एग्जिट पोल में भी बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है. इस सर्वे के अनुसार, दिल्ली में आप को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी दिल्ली में 39-44 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि कांग्रेस 2-3 सीटें जीत सकती हैं.

पोल डायरी के एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार

पोल डायरी के एग्जिट पोल में भी दिल्ली में बदलाव होता दिख रहा है और बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है. इस पोल के मुताबिक, आप 18-25 सीटें हासिल कर सकती है, जबकि बीजेपी को 42-50 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, कांग्रेस को 0-2 सीटें मिल सकती हैं.

 

delhi poll of polls

पीपुल्स इनसाइट के एग्जिट पोल में क्या

पीपुल्स इनसाइट के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में आप को 25-29 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी को 40-44 सीटें मिल सकती हैं. वहीं कांग्रेस का भी खाता खुलता दिख रहा है. 

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P-Marq के एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को दिल्ली में 21-31 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 39-49 सीटें मिल सकती हैं. वहीं कांग्रेस का खाता खुल सकता है.

अब जानें अन्य एग्जिट पोल का हाल

जेवीसी पोल के एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 39-45 सीटें मिल सकती हैं, जबकि आप को 22-31 सीटें मिल सकती हैं. जबकि कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है.

वहीं, पी-मार्क के एग्जिट पोल में भी बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है. बीजेपी को 39-49 सीट मिलती दिख रही है, जबकि आप को 21-31 सीटें मिलती दिख रही हैं. 

   

70 सीटों पर हुई वोटिंग

बता दें कि राजधानी की सभी 70 सीटों पर 699 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. वोटिंग खत्म होने के साथ ही कैंडिडेट्स की किस्मत EVM में कैद हो गई है. अब इंतजार है  8 फरवरी का. दिल्ली विधानसभा के नतीजे इसी दिन आएंगे.

यह भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल जितना एजेंडा सेट करते गए, उतना ही BJP के जाल में फंसते गए

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और आतिशी मुख्यमंत्री हैं. AAP ने लगातार 2013, 2015, 2020 में जीत हासिल की और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने. हालांकि, शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल फंस गए और उन्हें मार्च 2024 में जेल जाना पड़ा. सितंबर में जब वो जमानत पर बाहर आए तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया और पार्टी ने आतिशी को नया सीएम बनाया.

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AAP के लिए यह चुनाव काफी मायने रखता है. जबकि बीजेपी और कांग्रेस भी मैदान में हैं और वापसी के लिए जोर लगा रहे हैं. बीजेपी ने दिल्ली में 1993 में जीत हासिल की थी, उसके बाद कभी जीत नसीब नहीं हुई. वहीं, कांग्रेस ने 1998, 2003, 2008 में लगातार जीत हासिल की और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं. इस बार चुनाव में AAP को BJP-कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है. दिल्ली में लगभग 1.56 करोड़ वोटर्स हैं.

दिल्ली की किन सीटों पर सबकी नजर? 

दिल्ली चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं, जिनके नतीजे पर हर किसी की नजर है. अरविंद केजरीवाल, आतिशी, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और कैलाश गहलोत जैसे प्रमुख नेता दौड़ में हैं. नई दिल्ली सीट सबसे हाई-प्रोफाइल है. यहां AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित के बीच मुकाबला है. 

पटपड़गंज सीट पर AAP से अवध ओझा, बीजेपी से रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस से अनिल चौधरी के बीच टक्कर है. उत्तर पश्चिमी इलाके की रोहिणी सीट पर AAP से प्रदीप और बीजेपी से विजेंद्र गुप्ता के बीच मुकाबला हो रहा है. 

कालकाजी सीट पर दिल्ली की वर्तमान सीएम आतिशी, बीजेपी से पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस से अलका लांबा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है. जंगपुरा सीट से AAP से मनीष सिसोदिया, बीजेपी से सरदार तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस से फरहाद सूरी मैदान में हैं.

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क्या होते हैं एग्जिट पोल

एग्जिट पोल से चुनावी नतीजों की एक तस्वीर पता चलती है. दरअसल, एग्जिट पोल में एक सर्वे किया जाता है, जिसमें वोटरों से कई सवाल किए जाते हैं. उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया. ये सर्वे वोटिंग वाले दिन ही होता है. सर्वे करने वाली एजेंसियों की टीम पोलिंग बूथ के बाहर वोटरों से सवाल करती है. इसका एनालिसिस किया जाता है और इसके आधार पर चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई सारी एजेंसियां एग्जिट पोल करवाती हैं. 

एग्जिट पोल को लेकर क्या है गाइडलाइंस? 

एग्जिट पोल को लेकर भारत में पहली बार 1998 में गाइडलाइंस जारी हुई थीं. रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक, जब तक सारे फेज की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते. आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं. कानून के तहत अगर कोई भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल या चुनाव से जुड़ा कोई भी सर्वे दिखाता है या चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है तो उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

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