कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के बयान की चर्चा एक बार फिर से हो रही है. बिहार में बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर सरकार को अक्सर कोसने वाले कन्हैया कुमार ने एक चर्चित और अरबों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर सवाल उठाया है. कन्हैया कुमार ने भारतमाला सड़क परियोजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये प्रोजेक्ट क्यों बन रहा है, किसके लिए बन रहा है? बिहार में जब कुछ है ही नहीं तो रोड क्यों बन रहा है.
पहली बार बेगूसराय से दूसरी बार दिल्ली से लोकसभा चुनाव हार चुके कन्हैया और कांग्रेस दोनों के लिए बिहार का आगामी विधानसभा चुनाव एक ऐसी सियासी जंग है जहां कांग्रेस को प्रतिष्ठाजनक वापसी चाहिए. लेकिन कन्हैया-कांग्रेस की टक्कर बीजेपी के अलावा आरजेडी आइकन और लालूपुत्र तेजस्वी यादव से हैं.
बिहार में जब शख्सियत की तुलना होती है तो तेजस्वी के बरक्स कन्हैया आते हैं. JNU की डिग्री वाले कन्हैया अपने संवाद अदायगी के दम पर इस तुलना में तेजस्वी से आगे चले जाते हैं. ये तुलना लालू यादव को माइग्रेन दे रही है.
कन्हैया कुमार ने दरभंगा में इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि ये सड़क बड़े उद्योगपतियों के लिए बनाई जा रही है. कन्हैया ने कहा, "बिहार में वो है जिसके लिए दुनिया तरसने वाली है, बिहार में है पानी...याद कीजिएगा मेरा बात, जो हम इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे हैं, पानी पेट्रोल से भी ज्यादा कीमती होने जा रही है, क्योंकि पेट्रोल पीने से प्यास नहीं बुझती है, दुनिया में जिस तरह से पानी खत्म हो रहा है उसके बाद दुनिया भर के पूंजीपतियों और कारोबारियों की नजर बिहार के पानी पर है."
#WATCH | Bihar | Addressing a press conference in Darbhanga yesterday, Congress leader Kanhaiya Kumar said, "Why are big roads being constructed in Bihar now? It is because Bihar has water resources. In future, water will be more expensive than petrol. All the industrialists have… pic.twitter.com/NvZVM93F6g
— ANI (@ANI) March 26, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दौरा कर पलायन रोको-नौकरी दो यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता ने कहा कि जब औद्योगीकरण का दौर था तो बिहार में उद्योग धंधे नहीं लगाए गए लेकिन अब जब उद्योग स्वत: आ रहे हैं तो अब यहां छोटे-छोटे उद्योग लगाए जा रहे हैं, और वहां भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलना है, ताकि यहां के पानी का दोहन किया जा सके.
रेवेन्यू नहीं है तो इंटरेस्ट क्यों है भैया
राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरने निकले कन्हैया का दरभंगा में मिथिला की परम्परा के अनुसार कन्हैया का स्वागत पाग और चादर से किया गया. उन्होंने कहा कि हमारे पास तो इनकम है ही नहीं, फिर जो बड़ी बड़ी सड़के बन रही है ये किसके लिए बनाया जा रहा है. कन्हैया ने कहा कि सड़क बना रहे हैं यहां का संसाधन लूटकर ले जाने के लिए. कन्हैया ने कहा कि 'बीजेपी चाहती है कि येन-केन प्रकारेण बिहार में उसका मुख्यमंत्री बने और यहां का संसाधन अदानी के हाथ में पहुंचे. कन्हैया ने कहा कि संसाधन नहीं है, रेवेन्यू नहीं है तो इंटरेस्ट क्यों है भैया.'
क्या है भारतमाला परियोजना
बता दें कि भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी सड़क और राजमार्ग विकास योजना है, जिसे 2017 में शुरू किया गया था. ये परियोजना बिहार से भी होकर गुजर रही है. इसके तहत कई सड़कें चार-लेन और छह-लेन की बनाई जा रही हैं. ये सड़कें बिहार को उत्तर प्रदेश और झारखंड से कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी. पटना, गया, समस्तीपुर, मधुबनी जैसे जिले न केवल बेहतर कनेक्टिविटी से लाभान्वित होंगे, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के अवसर भी बढ़ेंगे.
कन्हैया की तीसरी चुनावी तैयारी
बता दें कि JNU के विवादित भाषण कांड से कन्हैया कुमार की राजनीति में ग्रांड लॉन्चिंग हुई थी. वे अपनी भाषण शैली के दम पर काफी लोकप्रिय भी हुए थे. बावजूद इसके उन्हें चुनावी सफलता नहीं मिली. कन्हैया 2 लोकसभा चुनाव लड़े दोनों ही बार हार गए. 2019 में कन्हैया ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के टिकट पर बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ा था. कन्हैया ये चुनाव हार गए.
2024 आते-आते कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो चुके थे. दिल्ली की उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से BJP के मनोज तिवारी के खिलाफ लड़े. लेकिन इस बार भी उन्हें शिकस्त मिली.
इस लिहाज से बिहार का आगामी विधानसभा चुनाव कन्हैया और कांग्रेस दोनों के लिए ही अहम है. यही वजह है कि कन्हैया कुमार इस बार जी-जान लगाए हुए हैं. हालांकि उनके इस बयान पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया गौर करने लायक होगी. बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि हम उन लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो राहुल गांधी के अनुयायी हैं.
वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा से जब इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे टाल दिया और तेजस्वी को बहस में ले आए. मनोज झा ने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने लकीर खींची है बीजेपी को उसका जवाब देना चाहिए न कि उन्हें मु्द्दों को भटकाना चाहिए.
कन्हैया में कांग्रेस को उम्मीद दिखती है, लेकिन...
दरअसल कन्हैया कुमार की यह यात्रा कांग्रेस के लिए बिहार में नई उम्मीद जगाने की कोशिश है. इस बार कांग्रेस विधानसभा चुनाव से काफी पहले राज्य में सक्रिय दिख रही है. पार्टी ने सामाजिक समीकरणों और सीट शेयरिंग के गणित का ख्याल रखते हुए प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी दलित चहेरे और विधायक राजेश राम को दे दी है. कन्हैया पलायन रोको-रोजगार दो यात्रा पर हैं. उनके साथ दिल्ली में रहने वाले पवन खेड़ा और अभय दुबे भी बिहार का भ्रमण कर रहे हैं.
कांग्रेस के उम्मीदों का 'गोवर्धन' उठा पाएंगे कन्हैया
कांग्रेस चाहती है कि चुनाव से पहले बिहार में माहौल बनाया जाए. ताकि आरजेडी के साथ सीट शेयरिंग में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो. बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले बताते हैं कि लालू यादव सियासी रूप से कांग्रेस में कन्हैया की मौजूदगी पसंद नहीं करते, कारण वही तेजस्वी और कन्हैया की तुलना है. तेजस्वी भी कन्हैया के साथ मंच शेयर करने से बचते हैं. लेकिन कांग्रेस यह भी जानती है कि तेजस्वी यादव की युवाओं के बीच अपनी लोकप्रियता है. नौकरी और बेरोजगारी के मुद्दे उठाकर तेजस्वी ने युवाओं के एक वर्ग में अपनी जगह बनाई है. तेजस्वी हर सभा में युवाओं के लिए बंपर नौकरी का वादा करते हैं. इस परिदृश्य में बिहार में चौथे नंबर की पार्टी कांग्रेस के उम्मीदों का 'गोवर्धन' क्या कन्हैया कुमार उठा पाएंगे?
लेकिन कन्हैया और कांग्रेस बड़े जोश के साथ जनता का मिजाज भांपने मैदान में हैं. कन्हैया खांटी बिहारी अंदाज अपना रहे हैं. वे ऑटो पर जा बैठते हैं और मौका मिलते ही बिहार का फेमस पेय सत्तु की गिलास गटक जाते हैं. ताकि जनता से कनेक्ट स्थापित किया जा सके. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी था, जिसमें से 19 पर जीत हासिल की थी. इस बार कन्हैया की यात्रा अगर सफल रही, तो क्या कांग्रेस हार्ड बार्गेनिंग कर अपना दावा बढ़ा सकती है.