दिल्ली के चुनाव में कुछ ही समय बचा है और ऐसे में राजधानी का सियासी पारा हाई है. बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस चुनाव में कालकाजी विधानसभा हॉट सीटों में शामिल है. कारण, यहां से दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी का मुकाबला बीजेपी के कद्दावर नेता रमेश बिधूड़ी से है. वहीं कांग्रेस ने लांबा को मैदान में उतारा है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है.
इस बीच खास कार्यक्रम 'Jab We Met' में इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने बीजपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी से कई मुद्दों पर बात की. उनसे कई सवाल पूछे गए, जिनके बिधूड़ी ने बेबाकी से जवाब दिए.
प्रियंका गांधी के गालों पर दिए गए अपने बयान के सवाल पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि राजनीति में कौन-सी बॉल सामने से आ रही है और उस पर क्या हिट मारना है, वो अपने ऊपर डिपेंड करता है. इस पर लोगों की पसंद-नापसंद पर डिपेंड करता है. इसलिए उस दौरान ज्यादा पटाक्षेप हो गया तो मैं उस पर कोई कमेंट नहीं करना चाहता. लालू जी के बयान को लेकर कभी सोनिया जी, प्रियंका जी, राहुल जी ने या मीडिया ने उनसे नहीं पूछा. आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालिया ने भी बयान दिया लेकिन किसी ने केजरीवाल या उनके विधायक से सवाल नहीं पूछा. मैं इस मुद्दे पर कोई कमेंट नहीं करना चाहता.
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सीएम आतिशी के पिता जी वाले बयान पर बिधूड़ी ने कहा कि आतिशी मेरी छोटी बहन की तरह हैं. अब वो रो रही हैं या ड्रामा कर रही हैं, ये तो वही बता सकती हैं. उनके मां-पिताजी ने अफजल गुरु की फांसी को लेकर सिगनेचर कैंपन चलाया था. उनकी माताजी ने राष्ट्रपति के पास मर्सी पिटिशन लगाई. अब ये सही था या गलत, इस पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी बयान दें. अगर वह कहती हैं कि उनका अपने माता-पिता से कोई लेना देना नहीं है तो वो अपने नाम के आगे मार्लेना क्यों लिखती हैं. नामांकन पत्र में भी उन्होंने मार्लेना लिखा है.
तुगलकाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले कूड़े के पहाड़ को लेकर बीजेपी नेता ने कहा कि कूड़े के निस्तारण के लिए पीछे ही प्लांट लगाया गया है, जिसका उद्धाटन अमित शाह जी ने किया था डेढ़ साल पहले. इस प्लांट में कूड़े से बिजली बनाई जाती है. अब ये घटकर एक तिहाई रह गया. केजरीवाल की सरकार है 10 साल से, उन्होंने कहा कि दो साल में कूड़े के ढेर खत्म कर दूंगा. अब उनसे जाकर पूछा जाए कि दो साल हो गए, क्यों खत्म नहीं हुआ.
आतिशी पढ़ी लिखी उम्मीदवार हैं. वो दूसरे उम्मीदवारों की एजुकेशन को कंपेयर करने का सवाल उठाती हैं. इस पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मैं सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं तो क्या ये मेरा गुनाह है. जो विदेश पढ़कर आएगा, उसमें ज्यादा क्वालिटी होगी क्या. मैं दिल्ली का मूल निवासी हूं और पैृतक संपत्ति है हमारी यहां. हम पांच भाई हैं. 25 साल में मैंने दिल्ली में एक कमरे का फ्लैट तक नहीं खरीदा है. कोई ये नहीं कह सकता है कि मैंने या मेरे किसी भाई, भतीजे ने कहीं कोई नई संपत्ति खरीदी हो. हम ईमानदारी से रोटी खाते हैं. मेहनत करते हैं.