दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी में असंतोष उभरकर सामने आ गया है. पार्टी के कार्यकर्ता रविवार को दिल्ली इकाई के दफ्तर के बाहर एकत्र हुए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद से प्रदर्शनकारी दिल्ली भाजपा कार्यालय पहुंचे और गेट पर धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने इस सीट से कैंडिडेट बदलने की मांग की. इतना ही नहीं, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने 'विक्रम बिधूड़ी तुम संघर्ष करो... मोदी से बैर नहीं, रोहतास तेरी खैर नहीं' के नारे भी लगाए.
दरअसल, बीजेपी की दूसरी लिस्ट शनिवार को जारी हुई थी. इसमें 29 कैंडिडेट् के नामों का ऐलान किया गया था. इस लिस्ट में रोहतास बिधूड़ी को तुगलकाबाद सीट से मैदान में उतारा गया है. हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी के भतीजे विक्रम बिधूड़ी इस सीट से चुनाव लड़े थे और वह आम आदमी पार्टी के सहीराम से 13 हजार से अधिक वोटों से हार गए थे. इसलिए पार्टी ने इस बार तुगलकाबाद से कैंडिडेट बदला है.
उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद प्रदर्शन की घटना पहली बार नहीं है. बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद भी महरौली के उम्मीदवार गजेंद्र यादव के खिलाफ दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा इसी तरह का विरोध प्रदर्शन भी किया गया था.
मोहन सिंह बिष्ट ने जताई थी नाराजगी
इसके अलावा करवाल नगर से 5 बार चुने गए वरिष्ठ भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने अपनी टिकट कटने पर नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि बाद में पार्टी की ओर से उन्हें मुस्तफाबाद से टिकट दिया गया है. इसके लिए बीजेपी ने रविवार शाम को तीसरी लिस्ट जारी की, इसमें सिर्फ मोहन सिंह बिष्ट का नाम था.
मुस्तफाबाद से टिकट मिलने से पहले क्या बोले बिष्ट?
मुस्तफाबाद से टिकट मिलने से घटनाक्रम से पहले बिष्ट ने कहा था कि कपिल मिश्रा को उनकी जगह लाने का पार्टी का फैसला गलत है और इसके परिणाम 5 फरवरी को मतदान के बाद दिखाई देंगे. बिष्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि आपने मोहन सिंह बिष्ट को नहीं बल्कि 'समाज' (उनके उत्तराखंडी समुदाय) को चुनौती दी है. इस फैसले की वजह से भाजपा को कम से कम 8-10 सीटें गंवानी पड़ेंगी. जिनमें करावल नगर, बुराड़ी, मुस्तफाबाद और गोकलपुरी आदि शामिल हैं. वह इस बात को लेकर भी असमंजस में थे कि वह भाजपा में बने रहेंगे या नहीं. भाजपा विधायक ने कहा कि वह 15 जनवरी को अपने पत्ते खोलेंगे, उन्होंने संकेत दिया कि वह करवाल नगर से निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बाद नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. बिष्ट ने शिकायत की कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं, उनका भाजपा में कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि चापलूसी करने वालों को पुरस्कृत किया जाता है. पार्टी ने फैसला ले लिया है और इसका नतीजा 5 फरवरी को आएगा, जब उसे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की कीमत का एहसास होगा.
'भाजपा एक अनुशासित पार्टी'
पार्टी के सूत्रों ने दावा किया कि मादीपुर और कोंडली सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट न दिए जाने पर दिल्ली भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं में भी गहरी नाराजगी है. दिल्ली भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने जोर देकर कहा कि सीटें सीमित हैं और उम्मीदवार भी बड़ी संख्या में हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि जो लोग टिकट पाने से चूक गए, वे निराश होंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और इसके नेता इस बात को समझते हैं. देर-सवेर, सभी को यह बात समझ में आ जाएगी और वे अपनी नाराजगी छोड़कर पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे.
बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को चुनाव होने हैं. जबकि 8 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे आएंगे.