दिल्ली हाई कोर्ट ने आगामी विधानसभा चुनावों में नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए AIMIM के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को पैरोल दे दी है. ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में जेल में हैं. AIMIM ने उन्हें दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है.
दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की गंभीरता यह है कि वह वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में हुए दंगों का मुख्य आरोपी है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 59 लोगों की मौत हुई थी, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता पहले नगर पार्षद रह चुका है, उसे अंतरिम जमानत देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता.
हाई कोर्ट ने तय कीं पैरोल के लिए शर्तें
हाई कोर्ट ने पैरोल के लिए शर्तें तय की हैं. ताहिर हुसैन को सार्वजनिक भाषण देने या मीडिया के सामने बयानबाजी करने से रोका गया है. इसके अलावा उन्हें फोन, चाहे मोबाइल हो या लैंडलाइन या इंटरनेट इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. वह नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों को छोड़कर किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत नहीं करेंगे.
कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन मीडिया को संबोधित नहीं करेंगे. आरोपी के परिवार के सदस्य उपस्थित रह सकते हैं, लेकिन उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने की तस्वीरें क्लिक करने या उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अनुमति नहीं होगी.
AIMIM ने दिया टिकट
आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की. ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में जेल में हैं. इसके अलावा एक और आरोपी शिफा उर रहमान को भी AIMIM ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओखला विधानसभा से टिकट दिया है. शिफा उर रहमान दिल्ली दंगों के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन पर UAPA का केस लगा हुआ है. शिफा उर रहमान जामिया एलुमनाई के प्रेसिडेंट थे.