दिल्ली चुनाव के मद्देनजर ओखला से AIMIM उम्मीदवार शिफा उर रहमान को प्रचार के लिए कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दे दी है. शिफा उर रहमान ने चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कस्टडी पैरोल की मांग की थी. दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दंगों के आरोपी रहमान की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये पैरोल मंजूर कर दी. 3 फरवरी तक वह चुनाव प्रचार के लिए अपने घर रह सकेंगे.
शिफा उर रहमान दिल्ली दंगों के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन पर UAPA का केस लगा हुआ है. शिफा उर रहमान जामिया एलुमनाई के प्रेसिडेंट थे. उन्होंने CAA/NRC प्रोटेस्ट में बड़ी भूमिका निभाई थी. अब ओवैसी की पार्टी उन्हें ओखला से चुनाव लाड़वा रही है. वह आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
बता दें कि AIMIM ने दिल्ली दंगे के एक और आरोपी ताहिर हुसैन को भी इस बार टिकट दिया है. उन्हें भी कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल दी है. ताहिर हुसैन जब जेल में बंद थे तब वह आम आदमी पार्टी का पार्षद थे. पिछले साल दिसंबर में वह AIMIM में शामिल हो गए.
सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर को कस्टडी पैरोल के दौरान चुनाव प्रचार की अनुमति है लेकिन वह अपने घर नहीं जा सकेगा. चुनाव प्रचार के बाद उसे हर रोज जेल वापस लौटना होगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को शर्तों के साथ चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी परोल दी है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ताहिर न तो अपने घर जा सकेंगे और ना ही कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.