हरियाणा की सियासत में आज दो ताकतवर परिवारों की चर्चा होती है- हुड्डा और चौटाला परिवार. चौटाला परिवार का संबंध हरियाणा गठन के बाद दशकों तक सूबे की सियासत की धुरी रहे मशहूर तीन 'लाल' में से एक देवीलाल से है. बाकी के दो लाल हैं- बंसीलाल और भजनलाल. इन तीन 'लाल' की चर्चा के बगैर सूबे की सियासी हिस्ट्री पूरी नहीं होती और इस बार के हरियाणा चुनाव में इन तीनों लालों के 12 'लाल' अपनी सियासी केमिस्ट्री सेट करने की कोशिश में चुनावी रणभूमि में ताल ठोक रहे हैं. देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के परिवार के कौन-कौन से सदस्य चुनाव मैदान में उतरे हैं और किस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं?
1- देवीलाल परिवार का कौन किस सीट से उम्मीदवार
तीनों लाल के परिवार से चुनाव मैदान में उतरे कुल 12 सदस्यों में से सात अकेले देवीलाल के परिवार से ही हैं. देवीलाल के परिवार से रणजीत चौटाला, अर्जुन चौटाला, अभय चौटाला, दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, आदित्य चौटाला और अमित सिहाग चुनाव मैदान में हैं. इनमें से पांच तो दो सीटों पर एक-दूसरे को ही चुनावी चुनौती दे रहे हैं. देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला सिरसा की रनिया सीट से निर्दल ही मैदान में हैं जहां उनका मुकाबला अपने ही भाई ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र अर्जुन चौटाला से है. अर्जुन चौटाला परिवार की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं.
ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र अभय चौटाला परिवार की परंपरागत सीट ऐलनाबाद सीट से आईएनएलडी के उम्मीदवार हैं. सिरसा जिले डबवाली सीट से आईएनएलडी ने देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश के पुत्र आदित्य देवीलाल चौटाला को टिकट दिया है तो वहीं जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से दिग्विजय चौटाला और कांग्रेस से अमित सिहाग मैदान में हैं. अमित सिहाग, ओमप्रकाश चौटाला के भतीजे और डबवाली सीट से सीटिंग विधायक हैं. इस सीट पर देवीलाल के परिवार के तीन सदस्यों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. डबवाली सीट इसलिए भी परिवार के सभी धड़ों के लिए महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि देवीलाल का पैतृक गांव चौटाला इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है. हरियाणा सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी के टिकट पर उचाना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
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2- बंसीलाल के परिवार से कौन कहां से मैदान में
बंसीलाल के परिवार से उनकी पुत्रवधु किरण चौधरी भिवानी जिले की तोशाम सीट से चुनाव लड़ती रही हैं. किरण चौधरी 2019 में भी इसी सीट से चुनाव लड़ी और जीतीं थीं. फिलहाल वह राज्यसभा सांसद हैं और तोशाम सीट से उनकी बेटी श्रुति चौधरी मैदान में उतरी हैं. बंसीलाल के छोटे पुत्र सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति के सामने अपने ही चचेरे भाई की चुनौती है. कांग्रेस ने बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के पुत्र अनिरुद्ध चौधरी को तोशाम से उम्मीदवार बनाया है. भाई-बहन की इस चुनावी फाइट को बंसीलाल की सियासी विरासत की फाइट भी कहा जा रहा है.
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3- भजनलाल
भजनलाल के परिवार में भी दो अन्य लाल के परिवारों की ही तरह सियासत के अलग-अलग कोण हैं. भजनलाल के छोटे भाई डूडाराम और बेटे कुलदीप बिश्नोई जहां बीजेपी में हैं तो वहीं दूसरे बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस में. बीजेपी ने भजनलाल परिवार के दो सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारा है. पार्टी ने डूडाराम को फतेहाबाद सीट और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से टिकट दिया है. आदमपुर भजनलाल का गढ़ रहा है. कांग्रेस के बैनर तले राजनीति में सक्रिय भजनलाल के दूसरे बेटे चंद्रमोहन भी पंचकूला सीट से हाथ निशान पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक उनकी उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया है.