चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार के तरारी विधानसभा उपचुनाव में पूर्व वाइस चीफ ऑफ आर्मी को नामांकन दाखिल करने से रोका गया. बिहार के भोजपुर जिले के जिला चुनाव कार्यालय ने एक बयान जारी कर किशोर के आरोपों को 'निराधार और भ्रामक' बताया.
हालांकि, बयान में यह भी स्वीकार किया गया कि लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह का नाम राज्य की मतदाता सूची में नहीं होने के कारण उन्हें उपचुनाव के लिए अयोग्य घोषित किया गया. जिला चुनाव कार्यालय ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, यदि किसी मतदाता को अपना पता बदलना हो तो उन्हें नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख से कम से कम 10 दिन पहले आवेदन करना चाहिए.
लेकिन सिंह का नाम नोएडा से तरारी के मतदाता सूची में स्थानांतरित करने का आवेदन 18 अक्टूबर को किया गया, जो 25 अक्टूबर (नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख) से 10 दिन पहले वाले नियम के अनुसार नहीं था. इसलिए उन्हें नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकी.
गौरतलब है कि बुधवार को प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि पूर्व वाइस चीफ ऑफ आर्मी कृष्ण सिंह की जगह अब स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह जन सुराज पार्टी की तरफ से तरारी से चुनाव लड़ेंगी.
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज बिहार के चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ रही है. किशोर ने यह भी घोषणा की कि बेलागंज से उनके उम्मीदवार खिलाफत हुसैन, जो एक बुजुर्ग शिक्षाविद हैं, ने निजी कारणों से चुनाव से हटने की इच्छा जताई. अब उनकी जगह मोहम्मद अमजद जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
गया के इमामगंज से पार्टी उम्मीदवार जितेंद्र पासवान और मोहम्मद अमजद ने गुरुवार को गया कलेक्ट्रेट में अपने नामांकन दाखिल किए.
नामांकन दाखिल करने के लिए प्रशांत किशोर के नेतृत्व में उम्मीदवारों का जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा था. हालांकि, किशोर ने आरोप लगाया कि चुनावी व्यवस्था 'सत्ताधारियों के पक्ष में' काम करती है, जिससे उनकी जैसी नई पार्टी के लिए चुनाव लड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. इसके बावजूद किशोर को उम्मीद है कि उनकी पार्टी इन उपचुनावों में एक पहचान बना पाएगी.