घर से वोट देने की सुविधा पर आम आदमी पार्टी के आरोपों को निर्वाचन आयोग ने सिरे से नकारते हुए पूरी प्रक्रिया एक बार फिर समझाई है. आयोग ने कहा है कि आम चुनाव 2024 की तरह ही निर्वाचन आयोग (ECI) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुछ विशेष समूहों के मतदाताओं की पहुंच बढ़ाने के लिए "घर से मतदान" या होम वोटिंग सुविधा प्रदान की है. यह पहल 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों (PwD) के लिए मतदान की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है.इस सुविधा के लिए पात्र मतदाताओं को होम वोटिंग सुविधा के लिए आवेदन करने हेतु फॉर्म 12D भरना होगा.
दिल्ली के लिए अब तक 85 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों से 6447 और दिव्यांग मतदाताओं से 1058 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें करीब 1271 वरिष्ठ नागरिकों और 120 दिव्यांग मतदाताओं ने अबतक वोट डाल दिए हैं. बता दें कि एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, चुनाव अधिकारी और सुरक्षा कर्मियों सहित एक मतदान टीम आधिकारिक मतदान तिथि यानी 5 फरवरी 2025 से पहले मतदाता के निवास पर जाएगी. पूरी प्रक्रिया और रूट प्लान को विधानसभा क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों के साथ साझा किया जाएगा और उम्मीदवार या उनके अधिकृत प्रतिनिधि मतदान टीम के साथ जाने के लिए अधिकृत होंगे.
वोटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग भी
टीम मतदाता को एक बैलट पेपर प्रदान करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मतदान की प्रक्रिया गोपनीयता और पारदर्शिता के साथ, ECI द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार पूरी हो.पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरी प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्डिंग किया जाएगा. जो मतदाता इस होम वोटिंग सुविधा का विकल्प चुनते हैं, उन्हें चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर मतदान करने की अनुमति नहीं होगी. यह होम वोटिंग विकल्प पूरी तरह से स्वैच्छिक है.
यह पहल समावेशी मतदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह सुनिश्चित करती है कि वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग व्यक्ति आसानी से चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकें. सभी राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों ने होम वोटिंग सुविधा को व्यापक रूप से कवर किया है. अगर किसी मतदाता को कोई समस्या हो, तो वह अपने स्थानीय RO/DEO कार्यालय में जा सकता है.
AAP ने लगाए थे ये आरोप
दरअसल, होम वोटिंग की सुविधा पर सवाल उठाते हुए अरविंद केजरीवाल ने एक पोस्ट की थी. इसमें उन्होंने कहा था, 'बुजुर्गों को अपने घर से वोट डालने की सुविधा होती है. इन बुजुर्ग महिला के घर से वोट डलवा कर चुनाव अधिकारी ले गए. चुनाव अधिकारियों के साथ बीजेपी वाले भी आए थे. ऐसा क्यो? या तो सभी पार्टियों के एजेंट हों या फिर किसी का भी ना हो?
दरअसल, दिल्ली में 5 फरवरी की वोटिंग से पहले ही वोट डालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. दिल्ली में 80 साल से अधिक उम्र के वोटरों ने वोट डालना शुरू कर दिया है. दरअसल चुनाव आयोग ने सीनियर सिटीजन और स्पेशली एबल्ड वोटरों के लिए एक विशेष वोटिंग अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत चुनाव आयोग से जुड़े नुमाइंदे घर घर जाकर ऐसे वोटरों से वोट करवाएंगे जिन्होंने घर से वोट डालने के लिए आवेदन किया है.
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क्या होती है पूरी प्रक्रिया
दिल्ली में 80 साल से अधिक उम्र के 1 लाख 9 हज़ार से अधिक वोटर है. उन सभी वोटरों को एक खास विकल्प मिला हुआ है कि वह घर से ही बिना पोलिंग बूथ पर जाए वोट डाल सकते हैं. ऐसे लगभग 6400 आवेदन दिया था कि उनके लिए घर पर बैठे वोटिंग की समुचित व्यवस्था की जाए. ऐसे ही दिल्ली भर में स्पेशली एबल्ड वोटरों की संख्या लगभग 80 हज़ार है. उनमें से लगभग एक हज़ार वोटरों ने यह इच्छा जाहिर की चुनाव आयोग के अधिकारी उनसे घर बैठे वोट करवाएं. उसके लिए चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म 12D 15 जनवरी तक भरना था.
जितने भी आवेदनकर्ताओं ने इस फैसिलिटी के लिए फॉर्म भरा है उन सभी के घर चुनाव आयोग से जुड़े हुए अधिकारी जाएंगे और पोस्टल वोट करवा कर सील बंद लिफाफे में जमा करवा देंगे. सबसे अधिक 1000 से ज्यादा सीनियर सिटीजन वेस्ट दिल्ली में ऐसे हैं जो घर पर बैठे-बैठे इन विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे. इसी तरह साउथ वेस्ट दिल्ली में सबसे अधिक 244 स्पेशली एबल्ड मतदाताओं को भी चुनाव आयोग यह फैसिलिटी मुहैया करवाएगा.