दिल्ली में अगले विधानसभा चुनाव हैं और सियासी पिच अभी से तैयार होने लगी है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी चौथी बार चुनाव जीतने के लिए जोर लगा रही है. बीजेपी एंटी इनकम्बेंसी के सहारे अरविंद केजरीवाल और AAP को घेरने का प्लान बना रही है. इस सियासी दंगल में अरविंद केजरीवाल दो कदम आगे निकल गए हैं. AAP ने सबसे पहले सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए और अब एक-एक कर बड़े ऐलान के जरिए अपना एजेंडा सेट कर दिया है. केजरीवाल ने आधा आबादी से लेकर बुजुर्गों और ऑटो ड्राइवर तक को साधने के लिए बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है. AAP की बड़ी घोषणाओं ने बीजेपी के अभियान की शुरुआती धार कुंद कर दी है.
बुधवार को आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में संजीवनी' स्कीम का ऐलान किया है. ये योजना केंद्र की आयुष्मान भारत से बिल्कुल अलग है. दिल्ली में AAP सरकार है और रोचक यह है कि यहां केंद्र की आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं है. BJP आरोप लगाती है कि केजरीवाल की पार्टी दिल्ली में आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम को लागू नहीं होने दे रही है. ऐसे में AAP सरकार अब बीजेपी के दावों को काउंटर करने के लिए 'संजीवनी योजना' लेकर आई है. इस योजना को बड़ा गेमचेंजर भी माना जा रहा है.
क्यों गेमचेंजर है संजीवनी स्कीम?
दरअसल, संजीवनी योजना के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों का मुफ्त इलाज मिलेगा. इसके दायरे में सभी निजी और सरकारी अस्पताल आएंगे. पात्रता के लिए ना कोई आय की सीमा होगी, ना खर्च की कोई लिमिट होगी. सभी वर्गों के बुजुर्ग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. जबकि आयुष्मान भारत योजना में सालाना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा मिलती है.
केजरीवाल कर रहे हैं बड़े वादे
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल के लगातार घोषणाओं ने विपक्षी दलों को भी चौंका दिया है. केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अब तक छह बड़े वादे किए हैं. इनमें मुफ्त पानी और मुफ्त बिजली शामिल है. स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार का वादा किया है. बीजेपी बजट पर सवाल उठा रही है तो केजरीवाल खुद को जादूगर बता रहे हैं. केजरीवाल कह रहे हैं कि मैं जादूगर हूं और मुझे पता है कि पैसा कहां से लाना है, कहां बचाना है और कहां खर्च करना है. अगर मैं कोई वादा करता हूं, तो उसे पूरा करता हूं.
पहले आधी आबादी को साधा, फिर बुजुर्गों पर कर दिया ऐलान
इससे पहले 12 दिसंबर को केजरीवाल ने लाडली बहना की तर्ज पर आधा आबादी को वित्तीय मदद पहुंचाने वाली योजना का ऐलान किया था. केजरीवाल ने वादा किया है कि चुनाव जीतने पर दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपए हर महीने दिए जाएंगे. 10 दिसंबर को केजरीवाल ने दिल्ली के ऑटो चालकों के लिए 10 लाख रुपए के बीमा की घोषणा की थी. केजरीवाल ने ये सभी बड़े ऐलान पिछले आठ दिन में किए हैं. इन घोषणाओं ने दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और मुफ्त की योजनाओं पर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है. विपक्ष के इस हमले का भी AAP जवाब दे रही है. केजरीवाल खुले मंच से यह बोल रहे हैं कि जैसे मैंने मुफ्त बिजली दी, वैसे ही मैं इन योजनाओं को भी लागू करूंगा. कुछ लोग इसे 'रेवड़ियां' बांटना कहते हैं, लेकिन मैं इसे अपने लोगों को सशक्त बनाना कहता हूं.
सालभर मुश्किलों से घिरे रहे केजरीवाल
दरअसल, ये साल अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए मुश्किलें और मुसीबत लेकर आया था. दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पहले राज्यसभा सांसद संजय सिंह और मनीष सिसोदिया जेल चले गए. उसके बाद मार्च में अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया. केजरीवाल पांच महीने से ज्यादा वक्त तक जेल में रहे. 11 साल से दिल्ली में AAP सरकार है. जाहिर है कि सत्ता विरोधी लहर के स्वर भी उभरकर सामने आ रहे हैं. इस बीच, विपक्ष ने सीएम हाउस में रिनोवेशन के काम को मुद्दा बनाया और इसे शीश महल का नाम देकर AAP और केजरीवाल पर हमला किया. बीजेपी का दावा है कि केजरीवाल ने अपने लिए '7 स्टार रिसॉर्ट' बनवाया है. बीजेपी और कांग्रेस लगातार इन मुद्दों को लेकर चुनाव में भी जाने की तैयारी कर रही है.
जेल से आए तो इस्तीफा का ऐलान कर जता दिए इरादे
केजरीवाल लंबे वक्त तक जेल में रहे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. जबकि बीजेपी और कांग्रेस लगातार उनसे पद छोड़ने के लिए दबाव बनाती रही. हालांकि, सितंबर में जब केजरीवाल को बेल मिली और वो बाहर आए तो उन्होंने चौंकाने वाला निर्णय लिया और सीएम के पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.
दिवाली से पहले करवा दी सड़कों की मरम्मत
केजरीवाल ने दो टूक कहा. जब तक दिल्ली की जनता उन्हें बेदाग साबित नहीं कर देती, तब तक वो सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. इसके लिए वे चुनाव में जाएंगे और जनता से ईमानदारी की मुहर लगवाएंगे. केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया और खुद पैदल मार्च पर निकल गए. सबसे पहले दिल्ली की सड़कों की बदहाली को स्वीकार किया और बीजेपी पर काम में व्यवधान डालने का आरोप लगाकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की.
केजरीवाल ने सीएम आतिशी को पत्र लिखा और दिल्ली की सड़कों की मरम्मत किए जाने की मांग की. दिवाली से पहले सड़कें दुरुस्त करने का टारगेट रखा. इस बीच, दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा गहरा गया. केजरीवाल और उनकी पार्टी की सरकार ने दोनों चुनौतियों पर एक साथ काम किया और तय डेडलाइन तक सड़कें ठीक कीं और फिर वायु प्रदूषण के लिए कदम उठाए.
AAP विधायकों को दिया सफाई कर्मियों से जुड़ने का मंत्र
नवंबर में केजरीवाल फिर सड़कों पर उतरे और अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. दिसंबर में वे नए प्लान के साथ जनता के बीच दिखे. सबसे पहले उन्होंने अपनी पार्टी के स्थापना दिवस पर AAP के MLA, सांसद और पार्षद समेत सभी जनप्रतिनिधियों को दिल्ली के सफाई कर्मियों से कनेक्ट रहने का मंत्र दिया. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि सभी विधायक और पार्षद अपने-अपने घर पर 100-100 या 50-50 के ग्रुप में सफाई कर्मचारियों को बुलाएं और उनके साथ समय बिताएं. चाय पीएं और उनकी समस्याओं के बारे में जानने की कोशिश करें. सबसे पहले उन्होंने सफाई कर्मचारियों को अपने घर बुलाया और उनसे जुड़ने का संदेश दिया.
ऑटो ड्राइवर्स के लिए भी बड़े ऐलान
उसके बाद केजरीवाल ने ऑटो ड्राइवर्स से जुड़ने के लिए पहल की. उन्होंने ऑटो चालकों की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की. वर्ष में दो बार 2,500 रुपये वर्दी भत्ता का वादा किया और ऑटो चालकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग का ऐलान किया. इसके साथ ही 10 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी दिए जाने की घोषणा की. इसके साथ ही ऑटो रिक्शा को सवारी उपलब्ध कराने के लिए पूछो ऐप (poochho app) पर लाया जाएगा. ऑटो चालकों के चेहरे खिल गए. शहर के ऑटो रिक्शा चालक AAP की स्थापना के बाद से ही पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन आधार रहे हैं.
महिलाओं को 2100 रुपए देने का वादा
उसके बाद महिलाओं को जोड़ने के लिए बड़ा दांव खेला. AAP सरकार ने दिल्ली में महिलाओं को 1,000 रुपये प्रतिमाह देने की योजना को मंजूरी दी. केजरीवाल ने ऐलान किया कि AAP के चौथी बार जीतने पर महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये दिए जाएंगे. हालांकि, इस योजना का लाभ 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को मिलेगा और इसकी पात्रता की शर्तें हैं. AAP सरकार ने निर्भया कांड की बरसी पर महिला अदालत बुलाई और उनकी समस्याएं सुनीं और अब मुफ्त स्वास्थ्य योजना का ऐलान कर विपक्षी खेमे में हलचल मचा दी है.
दिल्ली के बजट का 8 प्रतिशत मुफ्त योजनाओं पर खर्च
इस साल के बजट में दिल्ली सरकार ने सब्सिडी और मुफ्त योजनाओं पर फोकस किया और काफी खर्च करने के लिए बजट दिया है. 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सब्सिडी के लिए 3,250 करोड़ रुपये दिए गए हैं. महिला सम्मान योजना के लिए 2,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं. कुल मिलाकर सरकार ने अलग-अलग मुफ्त योजनाओं पर करीब 6,327.75 करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया है. यह राशि कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये का लगभग 8.3 प्रतिशत है. पिछले साल तक मुफ्त योजनाओं पर करीब 5 प्रतिशत तक खर्च किया जाता था.
बीजेपी 'मुफ्त रेवड़ी' पर हमलावर, केजरीवाल बता रहे खुदकिस्मत
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त योजनाओं की खुलकर आलोचना करते आए हैं. उन्होंने इसे रेवड़ी संस्कृति बताया है. हालांकि, केजरीवाल ने आलोचनाओं को दरकिनार किया और अपनी पॉलिसीज़ को कल्याणकारी योजना बता रहे हैं. केजरीवाल अक्सर यह कहते सुने जा रहे हैं कि हम इन योजना के जरिए अपनी माताओं और बहनों पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं. महिलाएं घर चलाती हैं. अपने बच्चों में अच्छे संस्कार भरती हैं और बच्चों की परवरिश करती हैं, जो देश का भविष्य हैं. अगर हम उनके काम में थोड़ी मदद या सहयोग करते हैं तो हम खुद को खुशकिस्मत समझते हैं.
दिल्ली में बीजेपी, AAP को कड़ी चुनौती दे रही है और कांग्रेस ने गैर-बीजेपी वोटों पर फोकस कर लिया है, लेकिन केजरीवाल आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं और अपनी सरकार की उपलब्धियों, विशेष कल्याणकारी योजनाएं और विभिन्न वर्गों तक पहुंचने के लिए चुनावी अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में एक और चुनाव जीतने के लिए सभी वादों को पूरा करने का दावा कर रही है.