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हरियाणा की हॉट सीट बनी उचाना कलां... पूर्व डिप्टी PM के पोते और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे आमने-सामने

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला, जो इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं, फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से राजनेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं.

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दुष्यंत सिंह और बृजेंद्र सिंह आमने-सामने हैं
दुष्यंत सिंह और बृजेंद्र सिंह आमने-सामने हैं

हरियाणा विधानसभा चुनावों में थोड़ा ही समय बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच एक विधानसभा सीट ऐसी भी है, जहां दो प्रमुख राजनीतिक परिवारों के बीच मुकाबला होना है. इस पर सबकी नजरें टिकी हैं. दरअसल उचाना कलां एक जाट बहुल निर्वाचन क्षेत्र हैं. यहां 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में दो प्रमुख राजनीतिक परिवारों के बीच टकराव देखने को मिलेगा, जिनके बीच प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. यहां से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के परपोते दुष्यंत सिंह चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह आमने-सामने हैं.

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हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला, जो इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं, फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं. दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से राजनेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं. उन्होंने और उनके पिता बीरेंद्र सिंह ने इस साल की शुरुआत में भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.

उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र जींद जिले में आता है, जिसे राज्य का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह 2014 में हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस से अपने चार दशक पुराने रिश्ते तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. दुष्यंत चौटाला के उचाना कलां विधानसभा सीट जीतने से पहले इसे बीरेंद्र सिंह परिवार का गढ़ माना जाता था. पूर्व केंद्रीय मंत्री खुद इस निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं.

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उनके बेटे बृजेंद्र सिंह पार्टी छोड़ने से पहले हिसार से भाजपा सांसद थे. 2019 में दुष्यंत चौटाला उनसे हिसार संसदीय सीट का चुनाव हार गए. हालांकि, बृजेंद्र सिंह उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला को अपना मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानते. उन्होंने कहा, "मुख्य मुकाबला भाजपा से है."

बीजेपी ने देवेंद्र अत्री को बनाया है उम्मीदवार

राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने उचाना कलां सीट के लिए देवेंद्र चतर भुज अत्री को अपना उम्मीदवार बनाया है. दुष्यंत चौटाला ने 2019 में बृजेंद्र की मां प्रेम लता सिंह को 47,000 से अधिक मतों से हराकर यह सीट जीती थी. प्रेम लता ने 2014 में चौटाला को हराया था. अपने प्रचार अभियान के दौरान, बृजेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़े जनादेश के साथ जीतेगी और इस निर्वाचन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने का वादा करते हुए कहा, "कांग्रेस के पक्ष में एक मजबूत लहर है."

52 वर्षीय बृजेंद्र सिंह ने लंदन के किंग्स कॉलेज से पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है. पांच साल से अधिक समय पहले राजनीति में आने से पहले, उन्होंने 20 साल से अधिक समय तक काम करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.

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हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना: दुष्यंत चौटाला

जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ने अपनी रैलियों के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, "उचाना समझता है कि उसका अपना कौन है." 36 वर्षीय दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. पार्टी के चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह जेजेपी की 'चाबी' है जो हरियाणा विधानसभा का ताला खोलेगी.

उन्होंने अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा के लोग पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं. कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री रखने वाले दुष्यंत ने यह भी दावा किया कि भाजपा और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच 'गठबंधन' चुनावों में दिखाई दे रहा है क्योंकि वे एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं.

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