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Haryana Assembly Polls 2024: किसी के पिता मंत्री तो किसी का पति गैंगस्टर, हरियाणा चुनाव में इन नए चेहरों को मिला मौका

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजों की घोषणा 8 अक्टूबर को होगी. इस बार चुनाव में कई युवा चेहरे शामिल हैं, जो अलग-अलग सीटों से लड़ रहे हैं. कई युवा ऐसे हैं जिनके परिवार का राजनीतिक इतिहास रहा है.

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बाएं से बलराम दांगी, मंजू हुड्डा
बाएं से बलराम दांगी, मंजू हुड्डा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजों की घोषणा 8 अक्टूबर को होगी. इस बार चुनाव में कई युवा चेहरे शामिल हैं, जो अलग-अलग सीटों से लड़ रहे हैं. कई युवा ऐसे हैं जिनके परिवार का राजनीतिक इतिहास रहा है. किसी के पिता मंत्री हैं तो किसी का पति गैंगस्टर रह चुका है. किसी के पिता सांसद हैं. इन चेहरों को राजनीतिक बैकग्राउंड का कितना फायदा मिलेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तो तय है कि इन्होनें चुनावी रण में उतरकर अपने प्रतिद्वंदी उम्मदीवार को कड़ी टक्कर दे दी है. इस खबर में ऐसे ही कुछ युवा चेहरों का जिक्र करते हैं. 

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1) चित्रा सरवारा (49 वर्ष): चौधरी निर्मल सिंह मोहरा की बेटी और दूसरी पीढ़ी की राजनीतिज्ञ. वे अप्रैल 2023 से AAP, हरियाणा की राज्य उपाध्यक्ष थीं, जनवरी 2024 में कांग्रेस में शामिल हुईं. अक्टूबर 2019 में चित्रा ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा और इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 44 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहीं.

2) आरती सिंह राव: 45 वर्षीय आरती सिंह राव भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. आरती एक अंतरराष्ट्रीय स्कीट शूटर हैं. हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अटेली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और जेजेपी के बीच बहुकोणीय मुकाबला है. आरती के पिता राव इंद्रजीत सिंह, छह बार सांसद और चार बार विधायक रहे हैं. वे एक बड़े अहीर नेता हैं, उनके दादा राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री थे.

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3) आदित्य सुरजेवाला: कैथल से कांग्रेस उम्मीदवार. 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबसे कम उम्र के 25 वर्षीय आदित्य सुरजेवाला कैथल सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. उनके पिता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खुद के लिए टिकट पाने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे. आदित्य ने पिछले साल कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ बीसी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की, उन्होंने द इंटरनेशनल स्कूल, बैंगलोर से पढ़ाई की. उनके सामने भाजपा से अनुभवी लीला राम (63वर्ष) हैं.

4) विनेश फोगट: पहलवान से राजनेता बनीं 30 वर्षीय विनेश फोगट चुनावी मैदान में हैं. वे जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही हैं. यह विधानसभा क्षेत्र जींद में जाट बहुल है और विनेश का इससे जुड़ाव है, क्योंकि उनके ससुराल वाले भी इसी क्षेत्र से हैं.

5) वर्धन यादव: बादशाहपुर से कांग्रेस उम्मीदवार वर्धन यादव 33 वर्ष के हैं. यादव सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव हैं. भाजपा के दिग्गज और पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह बादशाहपुर में कांग्रेस के युवा नेता वर्धन यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

6) श्रुति चौधरी: पूर्व सांसद और 49 वर्षीय श्रुति चौधरी 2005 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य थीं और उन्होंने 2009 से 2014 तक भारतीय संसद में भिवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन जून 2024 में भाजपा में शामिल हो गईं और अब भाजपा ने उन्हें तुषाम से मैदान में उतारा है. चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर के पुरम में हुई, जिसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई की. 

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कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को उनकी चचेरी बहन और भाजपा उम्मीदवार श्रुति चौधरी के खिलाफ मैदान में उतारा है. हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट पर चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल के राजनीतिक परिवार की दो धड़ों के बीच सीधा मुकाबला बन गया है. बंसीलाल की अगली पीढ़ी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. 1998 में श्रुति के पिता सुरेंद्र सिंह ने अनिरुद्ध के पिता रणबीर सिंह महेंद्र को भिवानी लोकसभा सीट से हराया था. 

7) पराग शर्मा: पराग शर्मा 37 साल की हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. उनका मुकाबला अनुभवी नेता शारदा राठौर से है. शारदा दो बार बल्लभगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. हालांकि कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद राठौर ने निर्दलीय या बागी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है, लेकिन शर्मा पार्टी का आधिकारिक चेहरा होंगी. दो महिला उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है, क्योंकि उनका मुकाबला भाजपा के मूलचंद शर्मा से है, जो हैट्रिक बनाने की कोशिश में हैं.

8) दुष्यंत चौटाला: सबसे युवा राजनेताओं में से एक, जिन्होंने 2019 से 2024 तक हरियाणा के 6वें उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और INLD में विभाजन के बाद गठित JJP के संस्थापक रहे. वे 2019 से हरियाणा विधानसभा में उचाना कलां निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वे ओम प्रकाश चौटाला के पोते और भारत के पूर्व उप प्रधान मंत्री देवी लाल के परपोते हैं. वे इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला के भतीजे भी हैं.

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दुष्यंत चौटाला ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा सेंट मैरी स्कूल, हिसार और लॉरेंस स्कूल, सनावर, हिमाचल प्रदेश से पूरी की. उन्होंने कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, बेकर्सफील्ड, कैलिफोर्निया से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से 'मास्टर्स ऑफ लॉ' किया है.

9) मंजू हुड्डा: मंजू हुड्डा 35 वर्षीय एक गैंगस्टर की पत्नी और एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की बेटी हैं. आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए गढ़ी सांपला-किलोई निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती देने के लिए भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुना गया है. वह रोहतक जिला परिषद की मौजूदा अध्यक्ष हैं.

10) विकास सहारन: हिसार के सांसद जय प्रकाश के बेटे 35 वर्षीय विकास सहारन (30) कांग्रेस के टिकट पर अपनी राजनीतिक शुरुआत कर रहे हैं. वह सांसद जय प्रकाश के बेटे हैं और जाट लैंड सीट से सबसे अधिक लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं.

11) रोहित नागर: 30 वर्षीय रोहित नागर वरिष्ठ पार्टी नेता यशपाल नागर के बेटे हैं. रोहित ने कई लोगों को चौंका दिया, क्योंकि उन्हें तिगांव विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस की पसंद के रूप में चुना गया. पार्टी हाईकमान ने पूर्व विधायक ललित नागर को इस निर्वाचन क्षेत्र से रोहित को शामिल करने का फैसला किया.

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12) अनुराग ढांडा 42 वर्ष : कलायत से आप उम्मीदवार वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आप हरियाणा पत्रकार से राजनेता बने. वे कलायत से चुनाव लड़ रहे हैं.

13) बलराम डांगी: हरियाणा के मंत्री आनंद सिंह डांगी के बेटे बलराम डांगी 47 साल के हैं. उन्होंने बी.ए. किया है. पंजाब विश्वविद्यालय के डीएवी कॉलेज से वर्ष-1999 में रोहतक के महम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे. भाजपा के बागी शमशेर खरकड़ा की पत्नी राधा अहलावत को इस निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है. भाजपा के बागी बलराज कुंडू ने 2019 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पिछला चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के प्रत्याशियों को हराकर जीत हासिल की थी. वह इस निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं.

हरियाणा चुनाव के लिए 3 अक्टूबर की शाम को प्रचार थम गया है. राज्य में पांच तारीख को 90 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.  

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