निर्वाचन आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख 1 अक्टूबर से बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दी है. आयोग ने कहा कि जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना अब 4 अक्टूबर के बजाय 8 अक्टूबर को होगी.
आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई दी है कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. बिश्नोई समाज ने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है.ये उस दिन अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में उत्सव मनाते हैं. राजस्थान की नोखा तहसील में पिछले करीब 490 साल से तो यह मेला लगातार आयोजित होता रहा है.
बिश्नोई समाज की थी मांग
चुनाव आयोग को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख 01.10.2024 को पुनर्निर्धारित करने के लिए आग्रह किया था. क्योंकि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के कई परिवार पीढ़ियों से अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर जिले में अपने वार्षिक उत्सव के लिए “आसोज” महीने में अमावस के दौरान राजस्थान में अपने पैतृक गांव मुकाम जाने की एक लंबी परंपरा का पालन करते हैं.
इस साल, यह उत्सव एक और 2 अक्टूबर को होगा. इसमें हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हज़ारों बिश्नोई परिवार मतदान के दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे. इससे उन्हें अपना मतदान अधिकार नहीं मिलेगा. आयोग ने इतिहास में भी अपने चुनाव कार्यक्रम में बदलाव के शानदार रिकॉर्ड का भी जिक्र किया है.
पहले भी इन मौकों पर EC बदल चुका है तारीखें
अतीत में भी आयोग ने विभिन्न समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए चुनाव की तारीखों में समायोजन किया है. मसलन 2022 में पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान, आयोग ने गुरु रविदास जयंती के लिए वाराणसी जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मतदान को एक सप्ताह आगे कर दिया था. इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान, आयोग ने ईसाई समुदाय की रविवार की प्रार्थनाओं का सम्मान करने के लिए मतदान की तारीखें बदल दीं.
राजस्थान विधान सभा के 2023 के चुनावों में भी आयोग ने देवशयन एकादशी पर मूल रूप से निर्धारित मतदान की तारीख में बदलाव किया था. इस दिन राजस्थान में विवाहों के लिए महत्वपूर्ण मुहूर्त रहता है. यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में बारावफात के कारण मतदान की तारीख बदल दी गई थी.
हरियाणा में भी मतदान का कार्यक्रम ऐसा बनाया गया था कि मतदान से दो दिन पहले शनिवार रविवार का साप्ताहिक अवकाश था. सिर्फ 30 सितंबर सोमवार को एक कार्यदिवस था और 1 अक्टूबर को मतदान की छुट्टी और अगले दिन दो अक्टूबर की छुट्टी. यानी छुट्टियों के बीच लोकतंत्र फंसा था. अब आयोग का मानना है कि उसका यह कदम संशोधित मतदान दिवस 30 सितंबर, 2024 को एक दिन की छुट्टी लेकर 6 दिन की छुट्टी की किसी भी चिंता को भी हल कर देगा.