भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट बदलने के फैसले के साथ ही कई प्रमुख निर्णय लिए गए हैं. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्तूबर को मतदान होना है, और भाजपा ने इस सूची में कई नए दांव चले हैं. इनमें कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं, तो कुछ की सीटें बदली गई हैं. प्रत्याशियों की लिस्ट सामने आने पर जहां एक तरफ कांग्रेस ने सीएम सैनी पर तंज कसा है तो वहीं, बीजेपी पर परिवारवाद के आरोप भी लगाए हैं.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट बदली
इस सूची का सबसे चर्चित पहलू मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सीट बदलने का फैसला है. नायब सिंह सैनी, जो अब तक करनाल से विधायक थे, इस बार लाडवा से चुनाव लड़ेंगे, जो कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. लाडवा सीट के मौजूदा विधायक कांग्रेस के मेवा सिंह हैं, और इस सीट की लड़ाई अब और दिलचस्प हो गई है. मुख्यमंत्री सैनी ने पहले करनाल से चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब भाजपा ने उनका निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया है.
परिवारवाद पर उठे सवाल
भाजपा की इस सूची के जारी होते ही कांग्रेस ने उस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिस्ट पर तंज कसते हुए कहा कि, 'नायब सिंह सैनी तो करनाल से भग लिए...'. इसके अलावा सवाल इस पर भी उठ रहे हैं कि भाजपा ने केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव की बेटी आरती राव, राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, और सांसद कार्तिकेय शर्मा की माता शक्ति रानी शर्मा को टिकट दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि हरियाणा में भाजपा द्वारा परिवारवाद को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि वह इसके खिलाफ लड़ाई की बात करते हैं.
निल विज फिर अंबाला से उम्मीदवार
अनिल विज को एक बार फिर अंबाला कैंट से उम्मीदवार बनाया गया है. विज के बारे में यह कयास थे कि वह पार्टी से नाराज चल रहे हैं, खासकर तब जब मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया. विज उस समय बैठक से नाराज होकर चले गए थे और उन्हें मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं दी गई थी, जबकि वह उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारी कर रहे थे. ऐसे में अंबाला सीट की लड़ाई भी बेहद अहम मानी जा रही है.
अन्य प्रमुख उम्मीदवार और टिकट कटने वाले विधायक
भाजपा की चुनाव समिति ने कई प्रमुख चेहरों को टिकट दिया है. थानेसर से सुभाष सुधा, पेहोवा से सरदार कमलजीत सिंह अजराना, गुहला से कुलवंत बाजीगर, कलायत से कमलेश ढांडा, कैथल से लील राम गुर्जर, नीलखेड़ी से भगवान दास कबीर पंथी, और इंद्री से राम कुमार कश्यप को टिकट मिला है. इसके अलावा, पार्टी ने 9 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे हैं और दो विधायकों की सीटों में बदलाव किया गया है.
भाजपा की यह सूची आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक गणित को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिसमें जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन का ख्याल रखा गया है. अब देखना होगा कि ये चुनावी रणनीतियां भाजपा को कितना फायदा दिलाती हैं और हरियाणा की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है.