जम्मू-कश्मीर में जनता ने अलगाववादी उम्मीदवारों को पूरी तरह नकार दिया है. 2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु के भाई ऐजाज अहमद गुरु को भी जनता ने बुरी तरह हराया. ऐजाज अहमद ने सोपोर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, उसे महज 129 वोट मिले, जोकि NOTA से मिले वोटों से भी कम हैं. इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार इरशाद रसूल कर ने जीत हासिल की है.
ऐजाज अहमद ने सोपोर से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा था. ऐजाज के भाई अफजल गुरु को दिसंबर 2001 में लोकसभा पर हमले की साजिश रचने के आरोप में 9 फरवरी 2013 को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी.
सोपोर सीट की बात करें तो इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के इरशाद रसूल कर ने जीत हासिल की है. उन्हें 26,975 वोट मिले हैं. इस सीट पर इरशाद रसूल ने मुरसलीन आजीर को 6619 वोटों से हराया है, जोकि निर्दलीय चुनाव लड़ रही थीं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल रशीद डार तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें कुल 5167 वोट ही मिले. सोपोर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के उम्मीदवार इरफान अली लोन को महज 1687 वोट मिले. ऐजाज अहमद गुरु को केवल 129 वोट मिले. उनसे ज्यादा वोट तो नोटा को मिले. यहां नोटा को 341 वोट मिले हैं.
कश्मीर में अलगाववादी उम्मीदवारों का सूपड़ा साफ, इंजीनियर रशीद की पार्टी और जमात को बड़ा झटका
इंजीनियर रशीद के उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए
जम्मू-कश्मीर में 2014 में हुए पिछले चुनाव में सोपोर ने कांग्रेस नेता हाजी राशिद को अपना विधायक चुना था. इस चुनाव में राशिद डार तीसरे नंबर पर रहे. इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) ने 44 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए. जमात-ए-इस्लामी ने कुल चार उम्मीदवार उतारे थे और चार अन्य का समर्थन किया था. लेकिन केवल कुलगाम से सयार अहमद रेशी ही थोड़ी पहचान बना पाए. बाकी सभी उम्मीदवार बुरी तरह हार गए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस को मिली जीत
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो गए हैं. नतीजों में NC-कांग्रेस को जीत मिली है और इस गठबंधन ने सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. चुनाव में NC-कांग्रेस को 49, भाजपा को 29, पीडीपी को 3 तो अन्य के खाते में 9 सीटें गई हैं.