झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने दिल्ली चुनाव को लेकर अभी तक अपनी पार्टी का रुख साफ नहीं किया है. जेएमएम इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करें या फिर कांग्रेस के लिए प्रचार करें.
दरअसल, झारखंड में JMM के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लॉक की सरकार में कांग्रेस शामिल है, जबकि लोकसभा चुनाव में खुद सुनीता केजरीवाल ने यहां इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार का चुनाव प्रचार किया था. AAP नेता अरविंद केजरीवाल खुद हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर मौजूद रहे थे. लिहाजा जेएमएम खुलकर न तो AAP को नैतिक समर्थन दे रही है और न ही कांग्रेस के पक्ष में ही खुल कर आ रही है.
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तो इसलिए तटस्थ रह रही है जेएमएम?
हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इंडिया ब्लॉक के प्रमुख चेहरे रहे हैं. लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन ने जमकर चुनाव प्रचार किया था. हालांकि अब दिल्ली विधानसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक बिल्कुल बिखर गया है. AAP और कांग्रेस आपस में ही लड़ रहे हैं. लिहाजा जेएमएम को किसी के पक्ष में उतरने या नैतिक समर्थन देने में झिझक हो रही है.
राज्य में कांग्रेस के 16 विधायकों का समर्थन हेमंत सरकार को है. यानी जेएमएम कांग्रेस के खिलाफ जाने के स्थिति में नहीं है. साथ ही AAP से भी रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहती है. यानी वो दिल्ली चुनाव में शायद तटस्थ यानी न्यूट्रल रहना पसंद करेगी. संभव है कि हेमंत सोरेन दिल्ली में चुनाव प्रचार ना करें.
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शिबू सोरेन लेंगे अंतिम फैसला
इस मुद्दे पर जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि समर्थन उसी को मिलेगा जो सेक्युलर ताकत को मजबूत करने की स्थिति में हो. पांडे ने कहा कि दोनों ही घटक इंडिया ब्लॉक के अभिन्न अंग रहे हैं.लिहाजा इस मुद्दे पर आखिरी फैसला पार्टी सुप्रीमो 'गुरुजी' यानि शिबू सोरेन को ही लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है.