'कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे 'एक देश, एक चुनाव' नहीं, बल्कि 'एक देश, हमेशा चुनाव' है. चुनाव हमारे न्यूजरूम के लिए लाइफ लाइन हैं.' ये बात इंडिया टुडे ग्रुप की एग्जीक्यूटिव एडिटर इन चीफ और वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-मुंबई के समापन भाषण में कहीं. दो दिनों तक चले इस कॉन्क्लेव के लिए कली पुरी ने सभी का आभार व्यक्त किया.
इस दौरान उन्होंने कहा, 'मौसम विभाग ने मुंबई के लिए रेड अलर्ट जारी किया था, लेकिन मुझे सच में नहीं पता कि यह मौसम के लिए था या इस कॉन्क्लेव के लिए. क्योंकि हमने मुंबई की तूफानी आंधी को शानदार डिबेट से कड़ी टक्कर दी. हमें आपके इस शहर में वापस आकर बहुत अच्छा लगा.'
'लोकसभा चुनाव 2024 में 'लोकतंत्र' जीता'
अपने समापन भाषण के दौरान कली पुरी ने लोकसभा चुनाव 2024 का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'पिछले साल जब हम यहां इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के लिए आए थे, तब देश में आम चुनाव की तैयारी चल रही थी. उस समय चर्चा के लिए दो अहम बातें थीं....
1. क्या पीएम मोदी और बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आएंगे?
2. भारत में लोकतंत्र के कमजोर होने की बातें. ईवीएम में हेरफेर और चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल.
उस वक्त सरकार के आलोचकों की आवाज काफी बुलंद थी. विशेष रूप से विदेशी मीडिया में इसको लेकर काफी हलचल थी. इसलिए मेरे लिए 2024 के चुनाव का सबसे बड़ा विजेता हमारा लोकतंत्र था. यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का एक वास्तविक उत्सव था. भयानक गर्मी, मौसम की मार के बावजूद चुनावों में मतदान 65.79% था. यह आंकड़ा उस फर्जी नैरेटिव को मजबूती से खारिज करता है जो हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कलंकित करने की कोशिश कर रहा था.'
'चुनाव न्यूजरूम के लिए लाइफ लाइन'
उन्होंने महाराष्ट्र में होने वाले आगामी विधानसभा की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अब एक बार फिर हम चुनावों की तैयारी में हैं. कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे 'एक देश, एक चुनाव' नहीं, बल्कि 'एक देश, हमेशा चुनाव' है. मैं इस पर कोई शिकायत नहीं कर रही. लेकिन चुनाव हमारे न्यूजरूम के लिए लाइफ लाइन हैं. मेरी टीम इस पर फलती-फूलती और निखरती है. भारतीय वोटर्स अपनी सूझबूझ के लिए प्रसिद्ध हैं. भले ही उनके पास हार्वर्ड की डिग्रियां न हों, लेकिन वे अपनी राजनीति को भली-भांति जानते हैं.'
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'ऐसे ग्रुप की जरूरत जहां हर तरह की आवाज हो'
कली पुरी ने कहा कि हमारे लिए, यह चुनाव (लोकसभा चुनाव 2024) हमारे लोकतांत्रिक न्यूजरूम का भी एक प्रदर्शन था. यह कोई दावा या राय नहीं, बल्कि एक फैक्ट है. हमारे पास निश्चित रूप से मोदी का विशेष इंटरव्यू था, लेकिन हमने प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और जगन तक लगभग विपक्ष के हर नेता से बात की. वास्तव में यह एक शानदार यात्रा थी.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा समय में जहां सोशल मीडिया का बोलबाला है. वहां एक मीडिया संगठन की जरूरत है जो सभी पक्षों को पेश करे. इससे हमारा उद्देश्य और भी मजबूत होता है. कॉन्क्लेव इसी का जीता-जागता उदाहरण है. हमने पिछले दो दिनों में आपके सामने हर पहलू को दिखाने की कोशिश की.'
'इस कॉन्क्लेव में भी दिखी पक्ष-विपक्ष की आवाज'
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव अपने आप में रोमांचकारी है. इस कॉन्क्लेव में भी आपने हर तरह की आवाज देखी. इसमें सुपरस्टार्स भी थे. पक्ष-विपक्ष के नेता भी थे. अन्य फील्ड के लोग भी थे और कुछ गेस्ट अपीयरेंस भी थे. यह एक पूरा थ्रिलर था. अब आप लोग जज हैं और जल्द ही आप इस ऐतिहासिक चुनाव में भाग लेंगे. मुझे उम्मीद है कि हमने इस कॉन्क्लेव के जरिए आपको सही चुनाव करने में मदद की होगी.'