एक बार फिर चुनावों में NOTA वोटों के मामले में सबसे पीछे रहा. महाराष्ट्र में 0.75 प्रतिशत और झारखंड में 1.32 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शनिवार को हुई.
कितने लोगों ने चुना नोटा का विकल्प?
चुनाव आयोग (ईसी) के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में एक प्रतिशत से भी कम (0.75 प्रतिशत) मतदाताओं ने 'NOTA' विकल्प का इस्तेमाल किया, जहां 288 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. झारखंड में, एक प्रतिशत से कुछ अधिक (1.32 प्रतिशत) मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.
चुनाव आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र में 20 नवंबर को पहले चरण के चुनाव में 65.02 प्रतिशत मतदान हुआ था. झारखंड में पहले चरण में 13 नवंबर को 66.65 प्रतिशत और और 20 नवंबर को दूसरे चरण में 68.45 प्रतिशत मतदान हुआ.
हरियाणा से अधिक जम्मू-कश्मीर में नोटा को पड़े वोट
इससे पहले देश में हुए विधानसभा चुनावों में, हरियाणा की तुलना में जम्मू-कश्मीर में अधिक मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के चुनाव में दो करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 67.90 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इनमें से 0.38 फीसदी ने नोटा का विकल्प चुना था.
सितंबर 2013 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग पैनल पर अंतिम विकल्प के रूप में ईवीएम पर नोटा बटन जोड़ा था. शीर्ष अदालत के आदेश से पहले, जो लोग किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के इच्छुक नहीं थे, उनके पास फॉर्म 49-ओ भरने का विकल्प था.