महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है. इसको लेकर सभी दल प्रचार में जुटे हैं. बीजेपी जहां 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे के सहारे मैदान में है तो वहीं विपक्ष इस नारे पर हमलावर है. इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने भी हिंदुत्व का कार्ड खेला है. दरअसल, MNS ने हाल ही में एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें मतदाताओं से हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी को समर्थन देने की अपील की गई है. इस विज्ञापन में एक वृद्ध गुजराती महिला को मराठी में बोलते हुए दिखाया गया है. महिला कहती हैं कि अगर सरकार ने राज ठाकरे का समर्थन किया होता, तो पांच बार की अज़ान के लाउडस्पीकर की आवाज़ को हमेशा के लिए बंद किया जा सकता था. इसमें कहा गया है कि मुस्लिमों को सीधा करने के लिए राज ठाकरे जरूरी है.
लाउडस्पीकर से अजान के मुद्दे पर मांगा वोट
इस विज्ञापन में महिला ने यह भी कहा कि राज ठाकरे को सत्ता में लाना जरूरी है ताकि (मुसलमानों को) सीधा किया जा सके. विज्ञापन में महिला कहती हैं, 'हम यहां चार पीढ़ियों से रह रहे हैं. हर किसी को मराठी बोलना आना चाहिए. हर जगह लाउडस्पीकर हैं. कोई भी धर्म लोगों को परेशान नहीं करता.' महिला का कहना है कि राज ठाकरे ने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन सरकार ने उनका समर्थन नहीं किया. इसलिए, राज ठाकरे की जरूरत है.
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राज ठाकरे ने उठाया था मुद्दा
राज ठाकरे ने चुनावी प्रचार के दौरान यह धमकी दी थी कि अगर उन्हें सत्ता में लाया गया, तो वह सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र में किसी भी मस्जिद में एक भी लाउडस्पीकर न हो. 2022 में, MNS ने लाउडस्पीकर के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं ने घोषणा की थी कि अगर मस्जिदों में अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल जारी रहा, तो वे हनुमान चालीसा को लाउडस्पीकर पर बजाएंगे.
राज ठाकरे का यह बयान और MNS द्वारा लाउडस्पीकर के मुद्दे को चुनावी प्रचार का हिस्सा बनाना, राज्य में हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा देने की पार्टी की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है.