महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है. महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजति पवार की एनसीपी शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका हैं. उनका दावा लोकसभा के बाद मुख्यमंत्री के रूप में दिए गए नेतृत्व और जनादेश को पलटने पर आधारित है.
शिवसेना सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में बीजेपी आलाकमान से भी चर्चा हुई थी. नए जनादेश के बाद एकनाथ शिंदे भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बने हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि लड़की बहिन योजना उनके दिमाग की उपज है और उन्हें इसका फायदा मिलना चाहिए. बता दें कि यह योजना महाराष्ट्र चुनाव में महायुति के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है. इधर बीजेपी के खेमे से भी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है.
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बीजेपी नेता प्रवीण देरकर ने कहा कि हमारी पार्टी चुनाव में सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है, इस आधार पर कार्यकर्ता चाहेंगे कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनें. उधर, सुनेत्रा पवार ने कहा है कि महायुति को उनके पति अजित पवार को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. इन तीनों दलों का गठबंधन राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में 220 से अधिक सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज करता हुआ दिख रहा है. महायुति 231 सीटों पर आगे है. महा विकास अघाड़ी सिर्फ 50 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है.
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सात सीटों पर निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के प्रत्याशी आगे हैं. इसमें बीजेपी अकेले 133 सीटों पर लीड कर रही है, शिवसेना 54 और एनसीपी 41 सीटों पर लीड कर रही है. वहीं, एमवीए में शिवसेना यूबीटी 21, शरद पवार की एनसीपी 9, कांग्रेस 17 सीटों पर आगे है. बता दें कि लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में महायुति को झटका लगा था और महा विकास अघाड़ी ने 48 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
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शिवसेना यूबीटी को 9 और शरद पवार की एनसीपी को 8 सीटें मिली थीं. सांगली सीट पर कांग्रेस के बागी विशाल प्रकाशबाबू पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. बाद में उन्होंने कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया था. वहीं महायुति में बीजेपी 9, शिंदे की शिवसेना 7 और अजित पवार की एनसीपी 1 सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी. इस झटके के बाद महायुति ने अपनी रणनीति बदली. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लाडकी बहिण योजना शुरू हुई, जिसके तहत 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को 1500 रुपये महीने की आर्थिक सहायता मिलती है.