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महाराष्ट्र: 'गिरे तो भी टंगड़ी ऊपर', संजय राउत के बयान पर भड़के शिंदे गुट के सांसद, CM पद को लेकर भी किया दावा

शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने कहा कि ये महाराष्ट्र के नतीजे हो ही नहीं सकते, ये जनता का फैसला नहीं है, बल्कि कुछ तो गड़बड़ है. इस पर शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हास्के ने कहा कि संजय राउत ऐसे नेता हैं जो गिरने पर भी टंगड़ी ऊपर रखना चाहते हैं.

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शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत (फोटो- पीटीआई)
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत (फोटो- पीटीआई)

महाराष्ट्र में महायुति को शानदार जनादेश मिलता दिख रहा है. रुझानों में इस राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार की फिर से वापसी होती दिख रही है. महाराष्ट्र में महायुति को आशातीत कामयाबी मिली है. अगर रुझानों का ट्रेंड नतीजों में बदलता है तो बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को यहां दो तिहाई बहुमत से ज्यादा यानी 192 सीटों से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं. 

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इस बीच CM एकनाथ शिंदे के सांसद नरेश म्हास्के ने एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री पद पर अपनी पार्टी का दावा ठोंका है. आज सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात करके नरेश म्हास्के ने कहा कि महाराष्ट्र का सीएम एकनाथ शिंदे को होना चाहिए. शिवसेना का पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं चाहता हूं कि एकनाथ शिंदे फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बनें.   नरेश म्हास्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में महायुति को जोरदार जीत मिली है और एकनाथ शिंदे को राज्य का सीएम होना चाहिए. 

नरेश म्हास्के ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत पर जोरदार हमला बोला है. म्हास्के ने कहा है कि संजय राउत के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है. संजय राउत गिरते हैं तो भी टंगड़ी ऊपर रखना चाहते हैं. 

बता दें कि महा विकास अघाड़ी के नतीजों पर संजय राउत ने कहा है कि यह जनता का फैसला नहीं है, बल्कि कुछ तो गड़बड़ है. राउत ने कहा कि इस प्रकार के नतीजे महाराष्ट्र के ऊपर लादे गए हैं. महाराष्ट्र की जनता का मन हमें मालूम है और ये हो ही नहीं सकता है. 

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संजय राउत ने लाडकी बहन योजना को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि 'यहां लाडले भाई हैं, लाडले नाना जी हैं, लाडले दादा जी हैं. सब कुछ लाडले हैं यहां. हमको मालूम है कि यहां क्या है, ये जो निर्णय आया है वो जनता का नहीं है.' उन्होंने कहा कि शिंदे के सारे उम्मीदवार कैसे जीत रहे हैं. शिवसेना (UBT) सांसद राउत ने कहा कि 'लोकसभा के दो चुनाव 2014 और 2019 में मोदी और शाह ने यही किया था कि विपक्ष का नेता कांग्रेस को नहीं मिलना चाहिए, इस बार वही रणनीति इन्होंने महाराष्ट्र में अपनाई है कि विधानसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं रहेगा, ये हमेशा बीजेपी की रणनीति रही है.'

बता दें कि ताजा रुझानों में एमवीए का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है. यहां एमवीए अबतक 54  सीटों पर आगे है. जबकि शिवसेना (UBT) को मात्र 19 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है. 
 

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